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लेखिका, कवयित्री, संपादिका, एक्युप्रेशर हीलर

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सुविचार

27 जून 2018
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कहीं ये सुविचार पड़े थे,उनसे प्रेरित होकर लेख लिखने का मन बनाया। किसी भी वस्तु का मूल्य कभी मायने नहीं रखता बल्कि उसकी उपयोगिता पर निर्भर करता है। उस वस्तु विशेष का उपयोग किस प्रकार और कहाँ हो रहा है? स्त्रियाँ पैरों में जो पायल और पैर की अँगुलियों में बिछुए पहनती हैं वे माथे पर लगाई जाने वाली बिन्दी

शव को देखना

26 जून 2018
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जीवन का सत्य है कि एक दिन जीव को इस असार संसार से विदा लेनी होती है। शरीर से जब प्राण निकल जाते हैं तो उस समय जीव मृत कहलाता है और उसका यह भौतिक शरीर प्राण न रहने के कारण शव कहलाता है। भरतीय संस्कृति में जीव के जन्म के पूर्व से लेकर मृत्यु के पश्चात तक सोलह संस्कारों का विधान है। मृतक देह का दाहकर्म

ईश्वर से सम्पर्क

25 जून 2018
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ईश्वर के साथ जब मनुष्य सम्पर्क साधने या उसके करीब जाने का प्रयास करने लगता है तो उसे आत्मिक बल मिलता है। इससे उसे ईश्वर और उसकी सत्ता पर विश्वास होने लगता है। उसे यह महसूस होने लगता है कि वह जो कुछ भी कर रहा है, वह हमारे भले लिए कर रहा है। है। वह हमें हमारे कर्मों को भोगकर उनसे मुक्त होने का अवसर दे

कर्मों का भुगतान

24 जून 2018
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किए गए कर्मों का हिसाब प्रत्येक मनुष्य को इसी दुनिया में चुकाना पड़ता है। किसी भी कारण से लिया कर्जा चुकाने की इच्छा मनुष्य में होनी चाहिए। किसी की धन-सम्पत्ति को धोखे से हथिया लेना अथवा हड़प कर जाना उस समय बहुत अच्छा लगता है। परन्तु जब उसका फल भोगने के समय आता है तो परिणाम बहुत ही कष्टदायी होता है।

कौन अपना कौन पराया

23 जून 2018
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इस संसार में कौन अपना है और कौन पराया है? इसका सहज अनुमान लगाया जा सकना बहुत ही कठिन है। इस सत्य को रिश्ते नहीं तय करते बल्कि समय और परिस्थितियाँ तय करती हैं। मोटामोटी समझें तो अपना वही है जो हमारे विषय में सोचे, हमारी चिन्ता करे। हमारे दुख में दुखी हो और सुख में सुखी हो। जिसके पास न रहते हुए भी उसक

मन की स्थितियाँ

22 जून 2018
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मन प्रसन्न है, उत्साहित है, उदास है, निराश है, दुखी है, बेचैन है, मन लग नहीं रहा, कुछ भी अच्छा नहीं लग रहा आदि सब मन की विभिन्न स्थितियाँ हैं। ये सब समयानुसार बदलती रहती हैं। जैसी मनुष्य की अवस्था होती है, वैसी ही उसके मन की स्थिति होती है। इन स्थितियों का सामना धनवान, निर्धन, राजनेता, अभिनेता, व्या

योगदिवस

21 जून 2018
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अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर विशेष-योग बहुत गहन और गम्भीर विषय है। यह मनुष्य के लिए मोक्ष का मार्ग प्रशस्त करता है। पातञ्जलि विरचित योगशास्त्र का मानना है -                योगश्चित्तवृति: निरोध:।अर्थात योग चित्त की वृत्तियों को नियन्त्रित करता है।      योग हमारे ऋषि-मुनियों के द्वारा दी गई एक अमूल्य द

प्रसन्नता दासी नही

20 जून 2018
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प्रसन्नता किसी की दासी नहीं कि वह चाहे तो उसके पास सदा के लिए रह जाए। हर व्यक्ति प्रसन्न रहना चाहता है। कोई नहीं चाहता कि दुख-तकलीफें उसके पास फटकें। समस्या यह है कि प्रसन्नता मनुष्य के पास अधिक समय तक टिक नही पाती। वह आती तो है पर मनुष्य के हाथ से उसी तरह फिसल जाती है जैसे रेत से मछली। इससे जो समझ

दुनिया का विचित्र व्यवहार

18 जून 2018
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इस दुनिया के व्यवहार का सत्य बहुत ही कठोर और आश्चर्यचकित करने वाला है। किसी एक व्यक्ति को इसके लिए मुजरिम नहीं ठहराकर हम कटघरे में खड़ा नहीं कर सकते। सभी लोग कमोबेश ऐसा ही आचरण करते हैं। सबसे मजे की बात तो यह है कि जानते-बूझते हुए, बिना सोचे-समझे सभी भेड़चाल चले जा रहे हैं। कोई भी अपने दिमाग पर जोर नह

नाभि शरीर का केन्द्र

17 जून 2018
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किसी देश का केन्द्र उसकी राजधानी होता है। उसी प्रकार हमारे शरीर की धुरी या केन्द्र बिन्दु नाभि होती है। प्रत्येक देश अपनी राजधानी को सजा-सँवारकर रखता है। उसी तरह हमें भी अपनी नाभि का ध्यान पूरी तरह से रखना चाहिए। देश-विदेश के मुख्य अतिथिगण वहाँ आते हैं। उसे देखकर उस देश की माली हालत की जानकारी होती

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