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जिन्दगी या जिवन क्या हे जो हमे ऐसा नहीं लगता परिवर्तन छोटे से बड़े होने तक और बूडापे तक क्या कराती है हम क्या करते ही
इंसान का जन्म एक योनि से हुवा हे ओर उस योनी के पीछे पागल ही हे , इंसान का जीने का मकसद कई लोगो के अलग अलग होते ही कोई परिवार के लिए जीता है ,तो कोई दूसरो के लिए जीता है ,तो कोई प्यार के लिए जीता है