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बन्द दरवाजा - लेखक सुरेंद्र मोहन पाठक

2 मई 2016

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बन्द दरवाजा 


कृष्ण बिहारीलाल खुद को एक फिल्म कम्पनी का पी आर ओ बताता था जिसका कि काम था अलग शहरों में जाकर कांटेस्ट के जरिये फिल्मों के लिये हीरोइन तलाश करना । नामी-गिरामी अभिनेताओं के साथ काम दिलाने का झांसा देकर यूं वो कई लड़कियों को ठग चुका था, खराब कर चुका था । और फिर जब एक दिन उसके बाथरूम में से उसकी लाश बरामद हुई तो जैसे किसी को कोई आश्चर्य न हुआ ।


लेखक Surender Mohan Pathak

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बन्द दरवाजा - लेखक सुरेंद्र मोहन पाठक

2 मई 2016
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बन्द दरवाजा कृष्ण बिहारीलाल खुद को एक फिल्म कम्पनी का पी आर ओ बताता था जिसका कि काम था अलग शहरों में जाकर कांटेस्ट के जरिये फिल्मों के लिये हीरोइन तलाश करना । नामी-गिरामी अभिनेताओं के साथ काम दिलाने का झांसा देकर यूं वो कई लड़कियों को ठग चुका था, खराब कर चुका था । और फ

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हिंदी कॉमिक्स पढ़ें - चाचा चौधरी

18 मई 2016
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बचपन की यादें ताज़ा करनी हो अगर, तो सबसे कारगर है कॉमिक्स पढ़ना| मेरा पसंदीदा है चाचा चौधरी और साबू | चाचा चौधरी का दिमाग आज भी कंप्यूटर से तेज़ चलता है - यह जानकार बड़ा अच्छा लगता है | इसके अलावा मुझे नागराज और सुपर कमांडो ध्रुव भी बहुत पसंद थे | आजकल कॉमिक्स पढ़ने का चलन शायद थोड़ा कम हो गया है लेकिन हि

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