26 अक्टूबर 2017
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वक़्त कभी नही रुकता ऐ मुसाफ़िर तुम चलते चलो मंजिल मिल ही जायेगी चलते चलते,वक़्त कभी नही रुकता ऐ मुसाफ़िर तुम चलते चलो मंजिल मिल ही जायेगी चलते चलते,वक़्त कभी नही रुकता ऐ मुसाफ़िर तुम चलते चलो मंजिल मिल ही जायेगी चलते चलते,वक़्त कभी नही रुकता ऐ मुसाफ़िर तुम चलते चलो मंजिल मिल ही जायेगी चलते चलते,वक़्त कभी नही रुकता ऐ मुसाफ़िर तुम चलते चलो मंजिल मिल ही जायेगी चलते चलते,वक़्त कभी नही रुकता ऐ मुसाफ़िर तुम चलते चलो मंजिल मिल ही जायेगी चलते चलतेD
बहुत अद्भुत अहसास...सुन्दर प्रस्तुति... रूठे हुए शब्दों की जीवंत भावनाएं... सुन्दर चित्रांकन पोस्ट दिल को छू गयी.......कितने खुबसूरत जज्बात डाल दिए हैं आपने......... https://www.facebook.com/MadanMohanSaxena
20 दिसम्बर 2017
उपासना जी उत्तम लेख है|
24 नवम्बर 2017
बहुत खूब।
17 नवम्बर 2017
बहुत बहुत आभार
1 नवम्बर 2017