हिन्दी कवि
निःशुल्क
ज़िन्दगी में न जाने क्यों ये ऐसे मोड़ आते हैं ,जो होते हैं करीब अपने उन्हें हम छोड़ जाते हैं ,लगी भी दिल की ऐसी है लगाओ जिससे ऐ साथी ,ये सच्ची बात है की दिल वो अक्सर तोड़ जाते हैं |