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डर

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अरमान, तनु और रुद्र अब हवेली के उस रहस्यमय स्थान की ओर बढ़ रहे थे, जहाँ आत्मा की शक्ति सबसे ज्यादा महसूस होती थी। हवेली का यह हिस्सा बाकी हिस्सों से बिलकुल अलग था—सर्द, अंधेरा और जैसे पूरी हवेली की सा

अरमान, तनु और रुद्र हवेली के अंदर एक घनी अंधेरी कोठरी में दाखिल हुए थे। कमरे में कदम रखते ही एक ठंडी सिहरन ने उनका स्वागत किया, जैसे हवेली की दीवारें खुद को उनके खिलाफ खड़ा कर रही हों। कमरे की दीवारों

अरमान, तनु और रुद्र हवेली के उस कमरे में खड़े थे, जहां उन्होंने फोन को रखने का फैसला किया था। हवेली के अंदर का माहौल और भी अजीब हो गया था। जैसे ही उन्होंने फोन को रखकर कदम पीछे हटाए, एक सर्द हवा का झो

रहस्यमयी फोन जिसको उन्होंने किसी भी हालत में वापस हवेली में रखने का फैसला किया था, अब उनका पीछा नहीं छोड़ रहा था। यह एक ऐसा रहस्य था, जिससे उनका पीछा छूटना नामुमकिन सा लग रहा था।"हमें इसे यहाँ रखना हो

अरमान जब फ्लैट पर वापस पहुंचा तो वहां पर रिया नहीं थी। अरमान अब बुरी तरह से घबरा गया था। अरमान के फोन पर दुबारा एक संदेश उभरा: "मौत पक्की है"अरमान ने ये देखा, उसको कुछ समझ नहीं आया कि अब क्या करू

अरमान ने अक्षय खन्ना की डायरी को अपने पास ही रख लिया, उसके बाद अरमान और तनु ने हवेली से बाहर निकलते हुए फैसला किया कि वे रुद्र से मदद लेंगे। रुद्र उनका पुराना दोस्त था, एक मशहूर फोटोग्राफर, जो अक्सर अ

तनु के जाने के बाद अरमान ने फोन को एक बार फिर से उठाया। अब वह डर के साथ-साथ जिद्दी भी हो गया था। उसने फोन को ऑन किया और गैलरी खंगालने की कोशिश की। उसमें एक वीडियो था, जिसे उसने पहले नहीं देखा था।वीडिय

उस रात अरमान को नींद नहीं आई। फोन को उसने अलमारी में रख दिया, लेकिन ऐसा लगा जैसे उस अलमारी से भी एक ठंडी लहर बाहर आ रही हो।“क्या करूं इस फोन का? फेंक दूं?” उसने खुद से कहा।लेकिन फिर दिमाग ने उसे टोका।

अगली सुबह, अरमान बेमन से उठा। रात भर उसे नींद नहीं आई थी। “पता नहीं ये नया फ्लैट है, फोन का वह अजीब मैसेज, या मैं ही कुछ ज्यादा सोच रहा हूं,” उसने अपने आप से कहा।फ्लैट में बने छोटे से किचन में उसने चा

दिल्ली की सर्द रातें अपने साथ न जाने कितने किस्से और कहानियां छुपाए रहती हैं। अरमान अपने पुराने बैग के साथ उस नए फ्लैट में पहुंचा, जो कुछ दिन पहले ही उसे बेहद सस्ते किराए पर मिला था।“किराया कम है, लेक

ज़हरीली हो गई है बाहर की हवाएं,माँ मुझे फिर से अपने आंचल में छुपा लो

**डरावनी रात**  *(लड़की के संदर्भ में)*  रात थी गहरी, सन्नाटा था फैला,  आसमान में बादल काले थे छाए।  एक लड़की अकेली घर लौट रही थी,  दिल में था डर, आँख

**माँ, मुझे कोख में रहने दो**  *(माँ-बेटी का संवाद)*  "माँ, मुझे कोख में रहने दो,  मैं भी देखना चाहती हूँ दुनिया की रौशनी को।  मैं भी जीना चाहती हूँ,  

दिल्ली के मेंटल हॉस्पिटल में हाल ही में एक नई मरीज एडमिट हुई थी। जिसके पागलपन से पूरा हॉस्पिटल हैरान  था वह खुद को ही चोट पहुंचाती थी वह खुद को ही इंजेक्शन लगा लेती थी या खुद के बाल खिंचती थी और जब तक

एक सामान्य स्वप्न ले कर जीने वाली लड़की।एक मध्यमवर्गीय परिवार की बेटी जिसने अभी जीना शुरू भी नहीं किया था कि जला कर मार दी गयी। क्यों ? क्योंकि किसी राक्षस का दिल आ गया था उसपर !उसे बीवी बना कर अपनी झ

एक नगर के बाहर एक हाईवे था  जो कई किलोमीटर लंबा जंगली रास्ते से गुजरता था कई लोगों का यह मानना था वहां पर एक औरत को देखा गया जो वहां से आने जाने वाले लोगों को रोकती थी और उनसे मदद मांगा करती थी। एक ब

वही दूसरी और अपनी योजना के अनुसार विजयभान अपने बड़े भाई सूरजभान की हवेली में जाता है. सूरजभान - कैसे आना हुआ आज. विजयभान - भैया मै आपसे सहायता मांगने आया हु, कृपया मेरी मदद करे, मै गाओ में एक अस्पताल ख

गांव में ५ हत्या, बलात्कार और लूट होने के बाद पुलिस जोर शोर से पहलवान को ढूंढ़ने लगी थी, रुद्रदेव गुरु के आश्रम का नाम पहलवान के संरक्षण स्थल के रूप में देखा जाने लगा था, लेकिन पूरी तलाश के बाद भी पहलव

तभी लल्लू भूत चुड़ैल का हाथ पकड़कर कोई मंत्र बुदबुदाता है तभी एक रौशनी का गोला खुलता है, और वो दोनों उस गोले में प्रवेश कर जाते है. उनके पीछे पीछे जम्बूरा चोरी से गोले में जाने लगता है तो कच्चा कलुआ उसे

पहलवान, पण्डित और एक कलुए को खाने के बाद लल्लू की शक्ति बहुत बाद चुकी थी, उसके साथ साथ चुड़ैल भी शक्तिशाली होती जा रही थी. लेकिन लल्लू अभी यही रुकने वाला नहीं था, विजयभान अपनी योजना पूरी करने गाँव गया

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