अरमान, तनु और रुद्र अब हवेली के उस रहस्यमय स्थान की ओर बढ़ रहे थे, जहाँ आत्मा की शक्ति सबसे ज्यादा महसूस होती थी। हवेली का यह हिस्सा बाकी हिस्सों से बिलकुल अलग था—सर्द, अंधेरा और जैसे पूरी हवेली की सा
अरमान, तनु और रुद्र हवेली के अंदर एक घनी अंधेरी कोठरी में दाखिल हुए थे। कमरे में कदम रखते ही एक ठंडी सिहरन ने उनका स्वागत किया, जैसे हवेली की दीवारें खुद को उनके खिलाफ खड़ा कर रही हों। कमरे की दीवारों
अरमान ने अक्षय खन्ना की डायरी को अपने पास ही रख लिया, उसके बाद अरमान और तनु ने हवेली से बाहर निकलते हुए फैसला किया कि वे रुद्र से मदद लेंगे। रुद्र उनका पुराना दोस्त था, एक मशहूर फोटोग्राफर, जो अक्सर अ
दिल्ली की सर्द रातें अपने साथ न जाने कितने किस्से और कहानियां छुपाए रहती हैं। अरमान अपने पुराने बैग के साथ उस नए फ्लैट में पहुंचा, जो कुछ दिन पहले ही उसे बेहद सस्ते किराए पर मिला था।“किराया कम है, लेक
ज़हरीली हो गई है बाहर की हवाएं,माँ मुझे फिर से अपने आंचल में छुपा लो
नरेश जीत चेतन और सूचित यह चारों बहुत अच्छे दोस्त द चारों दोस्त नदी किनारे कैंप लगाकर वहां के शुद्ध वातावरण में कुछ दिन रहने आए द एक रात चारों जंग कैंप फायर जलाकर उसके इर्द गिर्द बैठे हुए द बगल में ही
नरेश जीत चेतन और सूचित यह चारों बहुत अच्छे दोस्त द चारों दोस्त नदी किनारे कैंप लगाकर वहां के शुद्ध वातावरण में कुछ दिन रहने आए द एक रात चारों जंग कैंप फायर जलाकर उसके इर्द गिर्द बैठे हुए द बगल में ही
**डरावनी रात** *(लड़की के संदर्भ में)* रात थी गहरी, सन्नाटा था फैला, आसमान में बादल काले थे छाए। एक लड़की अकेली घर लौट रही थी, दिल में था डर, आँख
दिल्ली के मेंटल हॉस्पिटल में हाल ही में एक नई मरीज एडमिट हुई थी। जिसके पागलपन से पूरा हॉस्पिटल हैरान था वह खुद को ही चोट पहुंचाती थी वह खुद को ही इंजेक्शन लगा लेती थी या खुद के बाल खिंचती थी और जब तक
एक सामान्य स्वप्न ले कर जीने वाली लड़की।एक मध्यमवर्गीय परिवार की बेटी जिसने अभी जीना शुरू भी नहीं किया था कि जला कर मार दी गयी। क्यों ? क्योंकि किसी राक्षस का दिल आ गया था उसपर !उसे बीवी बना कर अपनी झ
एक बार एक शहर में एक घर था जो बहुत पुराना था। इस घर में एक रिश्तेदार की मौत के बाद से अनुभव किए गए थे। कई लोगों ने इस घर में भूतों की आवाज सुनी थी और इस घर के पास से गुजरना डरावना महसूस करते थे। एक द
हनुमान ग्रह में लल्लू, विजयभान, भोपा स्वामी, चुडैल और जमूरा स्टेडियम के बीच खड़े बात कर रहे थे। जहां लल्लू ने सभी को अपने रेड प्लानेट के विषय में बताया कि वह कैसे अन्य ग्रहों और ग्रहवासियों का निर्माण
रूद्रदेव और गोपाल कृष्ण के जेल जाने के पश्चात आश्रम के भक्त दो गुटों में बंट गये। जहां एक ओर भोपा स्वामी गद्दी पर अपनी दावेदारी कर रहा था जिसका साथ विजयभान दे रहा था। वहीं दूसरी ओर विजयभान का भाई सूरज
अपनी योजना को आगे बढ़ाते हुए नताशा योग गुरू गोपाल कृष्ण और गुरू रूद्रदेव का रूप धारण करते हुए लल्लू से कहती है - अब मैं मनोहर पण्डित से मिलने शहर जा रही हूं, वहीं पर मैं अपने बदले को अंजाम दूंगी। तब लल
अस्पताल के उद्घाटन की तैयारियां पूरे जोरों शोरों से चल रही थी। मनोहर पण्डित अपनी पत्नी सुनंदा के साथ गांव में पहुंच चुके थे। आश्रम में होने वाली प्रत्येक गतिविधियों पर मीडिया की पैनी नजर लगी हुई थी। य
विजयभान सुबह होते ही अपने गुरू तारानाथ से मिलने जाता है जहां कोई भी न मिलने के कारण जंगल में गुफा की ओर आता है। जहां लल्लू, चुड़ैल, जमूरा के साथ तारानाथ द्वारा सिद्ध किये बहुत सारे भूत-प्रेत-पिशाच-चुड़ै
अंधेरा छाते ही चुड़ैल तारानाथ तांत्रिक का काम तमाम करने निकल पड़ी। उसके पीछे चुपके से जम्बूरा भी चुड़ैल का पीछा करने लगा। ताकि सारे घटनाक्रम को वो लल्लू को बता सके। चुड़ैल ने एक बार फिर से पहलवान का रूप ब
चुड़ैल के जाने के बाद लल्लू भूत जम्बूरे को अपने पास बुलाकर कहता है - देखो जम्बूरा अब वो समय आ गया है, जब हम भूतों को एक होना होगा और मेरा मुख्य लक्ष्य बहुत ही बड़ा और विस्तृत है। लेकिन संक्षेप में यह सम
लल्लू भूत चु़डैल को बुलाकर कहता है - आज की रात तुम्हारे लिए बहुत कठिन होने वाली है क्योंकि तुम्हारी टक्कर अब किसी आम व्यक्ति से नहीं बल्कि तारानाथ तांत्रिक से है। यह बात जान लो, तारानाथ एक बहुत शक्तिश
इसी बीच स्टेडियम में एक बह़ी कदकाठी का वानर रूपी आकृति प्रकट होती है और जोर से लल्लू को कहती है, क्या बात है, क्यों मुझे बार-बार तुम बुलाकर परेशान करते हो, क्या तुम्हें और कोई काम नहीं? इस समय बजरंगबल