"मनुसाई" यह 19वां काव्य संग्रह है। मानव का जन्म लेकर अगर मानवता नहीं है...तो मानव जीवन व्यर्थ है। किसी भी व्यक्ति या वस्तु की पहचान उसके गुणों से होती है..उसी तरह मनुष्यता मनुष्य होने की पहचान है। सुख, समृद्धि एवं शांति से परिपूर्ण जीवन के लिए सच्चरित्र तथा सदाचारी होना पहली शर्त है...जो उत्कृष्ट विचारों के बिना संभव नहीं है। हमें यह दुर्लभ मानव जीवन किसी भी कीमत पर निरर्थक और उद्देश्यहीन नहीं जाने देना चाहिए।
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