इस डायरी का हर पन्ना पाठक को अपना सा प्रतीत होगा। जीवन के खट्टे मीठे अनुभव इसका हिस्सा है। कहीं चिलचिलाती धूप है तो कहीं शीतल छाया है। कहीं नारी की पीड़ा है तो कहीं अबोध बालक की चींख है। कहीं पशु की विवशता है।
हिंदी साहित्य को समर्पित शिक्षाविद एवं साहित्यकार डॉ. निशा गुप्ता उर्फ (डॉ.निशा नंदिनी भारतीय) का जन्म रामपुर(उत्तर प्रदेश) में 13 सितंबर 1962 में हुआ। आपने साहित्य के साथ-साथ शिक्षा जगत व समाज सेविका के रूप में भी एक अलग पहचान बनाई है। आपने तीन विषय