"प्रथम प्रयास" असम प्रांत की अखिल भारतीय मारवाड़ी महिला सम्मेलन की बहनों का "प्रथम साझा काव्य संकलन" है। इस संकलन की रचनाओं में सभी बहनों ने अपने हृदय-उद्गार उड़ेल कर रख दिए हैं।नारी सृष्टि का एक अनमोल उपहार है। समाज का एक महत्वपूर्ण आधार स्तंभ है। समाज की धुरी है।सभ्य एवं सशक्त समाज के निर्माण का महत्वपूर्ण आधार है।नारी प्रकृति के कण-कण का सूक्ष्मविश्लेषण करने की क्षमता रखती है। नारी अपनी कलम को सत्य की स्याही में डुबोकर पन्नों पर बिखेर देती है। नारी सिर्फ दृष्टा नहीं होती वह भोक्ता होती है इसलिए उसके लिखे एक-एक अक्षर से उसकी आत्मा दृष्टिगोचर होती है।नारी प्रकृति के कण-कण में रसानुभूति करती है। समय के महत्व को समझकर बीजारोपण की कोशिश करती है। छोटे से माटी के दीपक से प्रेरणा लेकर पग-पग पर समझौते करती हुई आगे बढ़ती है इसलिए नारी लेखन हर किसी के हृदय में उतर जाता है। पिछले कुछ दशक में हिंदी साहित्य में नारी लेखन का व्यापक प्रस्फुटन एक अनूठी और ऐतिहासिक घटना है। जहां एक तरफ नारी लेखन एक सामाजिक सच्चाई और अस्मिता के संघर्ष की चुनौती के रूप में सामने आता है तो वहीं दूसरी तरफ नारी अस्तित्व को फिर से केंद्र में लाने और उसकी मानवीय गरिमा को प्रतिष्ठित करने का अभियान है।
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