इंसान इस दुनिया में ईश्वर का बनाया बहुत खूबसूरत तोहफा हैं जो की अपने माता पिता की बदौलत इस दुनिया में कदम रखता हैं | माता पिता अपनी ख़ुशियों को भूला कर अपनी औलाद को सब खुशियाँ प्रदान करता हैं | लेकिन इतना करने के बाद भी उस इंसान को कोई ऐसा चाहिये होता हैं इस से वह इंसान वो हर बात बता सके जो वह अपने माता पिता से भी ना बोल सकता हो और वो होता हैं एक दोस्त |
दोस्त ही एक ऐसा रिश्ता हैं जो हम बिना कुछ देखे बना लेते हैं | दोस्ती में ना रुपया पैसा देखा जाता है ना काला गोरा | बस जो दिल मे आ गया जिस के साथ समय गुजरना अच्छा लगे वही हैं दोस्त | जीवन के हर अनुभवों के सहभागी , सुख हो या दुःख, कोई पास हो या ना हो | दोस्त ही एक ऐसा हैं जो हमारा साथ देता हैं | आज के समाज में सारे नाते रिश्ते सिर्फ नाम के हैं ना कोई सुख में काम आये ना दुःख में | सिवाए माता पिता के | मगर दोस्ती की तो परिभाषा ही अलग हैं |
दोस्त हमारे राजदार और भरोसे मंद हैं कोई भी बात हो , कैसी भी बात हो, हम किसी को बता पाए या नहीं , किसी का भरोसा कर पाये या नहीं मगर दोस्त ही हैं जो इन सब में अपना पूरा सहयोग देता है | दोस्ती ही एक ऐसा रिश्ता हैं जिसमें कोई मज़बूरी नहीं होती शायद तभी दोस्ती में कड़वाहट नहीं होती | नीचे की ये लाइन गलत नहीं कही जा सकती कि ....." लकीरें तो हमारी भी बहुत खास है , तभी तो तुम जैसा दोस्त हमारे पास हैं |"