29/12/21,
शरद ऋतुराज,
पोष मास,
बुधवार,
दोस्त कैसी हो।
जय श्रीकृष्ण। स्वीकार करो।
जानती हो दोस्त आज पुनः तुमसे दो माह बाद मिलने को आया।मन हुआ तुमसे मिल लू।तो चला आया।सखी एक मूल्यवान बात बताऊ सो सुनो।
किसी मुश्किल में किसी बुज़दिल से कोई मशवरा मत करना,
वो तुम्हारी बची हुई हिम्मत को भी ख़त्म कर देगा....!!!
सखी यू ही कुछ न कुछ सांझा किया करेगे अब नियमित रूप से।तो ठीक है कल मिलने के वायदे के साथ चलता हू।
मेरी जय श्रीकृष्ण स्वीकार करो।
जय श्रीकृष्ण
कल फिर मिलेगे।
तुम्हरा मित्र
Sandeep Sharma Sandeepddn71@gmail.com Sanatansadvichaar.blogspot.com,
Jai shree Krishna g