प्यार हो और कहना पड़े ? क्या मेरी आंखों में मेरी सांसो मेंमेरे सुनने मेंमेरे कहने में तुम्हे प्यार नज़र नही आता ?क्या मेरी सोच में मेरी चिंता में मेरी दृष्टि मेंमेरी सृष्टि में तुम हमेशा नही रहती ? क्यूँ तुम्हारा रोनानम करता है मुझेऔर तुम्हारा हँसनाउल्लासितक्यूँतुम्हारा मान - अपमानकरता मुझे भीआनन्दित