“मुक्तक” फिंगरटच ने कर दिया, दिन जीवन आसान। मोबाइल के स्क्रीनपर, दिखता सकल जहान। बिना रुकावट मान लो, खुल जाते हैं द्वार- चाहा अनचाहा सुलभ, लिखो नाम अंजान॥-1 बिकता है सब कुछयहाँ, पर न मिले ईमान। हीरा पन्ना अरु कनक, खूब बिके इंसान। बिन बाधा बाजार में, बे-शर्ती उपहार- हरि प्रणाम मुस्कानसुख, सबसे बिन पह