गिरिजा शंकर तिवारी
प्राध्यापक ,संस्कृत शिक्षा राजस्थान
कुर्सी कंचन कामिनी"मुक्तक संग्रह"
मुक्तक-संसार के अटूट पथ पर कुर्सी कंचन कामिनी"मुक्तक संग्रह" एक अदना से कंकण के समान पथ समृद्धि में अपना योगदान दे और समस्त मानव इसके आनन्द-सागर से कुछ संग्रहित कर सके इस हेतु एक छोटा सा प्रयास आपकी सेवा में। आपका गिरिजा शंकर तिवारी "शाण्डिल्य"
कुर्सी कंचन कामिनी"मुक्तक संग्रह"
मुक्तक-संसार के अटूट पथ पर कुर्सी कंचन कामिनी"मुक्तक संग्रह" एक अदना से कंकण के समान पथ समृद्धि में अपना योगदान दे और समस्त मानव इसके आनन्द-सागर से कुछ संग्रहित कर सके इस हेतु एक छोटा सा प्रयास आपकी सेवा में। आपका गिरिजा शंकर तिवारी "शाण्डिल्य"
साहित्याभूषण
"साहित्याभूषण" समस्त अलंकार जन-जन के लिए सरल-सहज सुलभ कराने का प्रयास मात्र है।किसी को भी कुछ मिल जाय तो यह संपादक का सौभाग्य है।आशा है कि सभी को "साहित्याभूषण" सर,अलंकार-सरोज समर्पित कर अलंकार-सरोवर में डुबकी लगाने की प्रेरणा अवश्य देता रहेगा। किसी
साहित्याभूषण
"साहित्याभूषण" समस्त अलंकार जन-जन के लिए सरल-सहज सुलभ कराने का प्रयास मात्र है।किसी को भी कुछ मिल जाय तो यह संपादक का सौभाग्य है।आशा है कि सभी को "साहित्याभूषण" सर,अलंकार-सरोज समर्पित कर अलंकार-सरोवर में डुबकी लगाने की प्रेरणा अवश्य देता रहेगा। किसी
मधुरा-मन्दोदरी
।।ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे।। मधुरा-मन्दोदरी खण्ड काव्य स्त्री चरित्र पर प्रकाश डालने का एक प्रयास है।मन्दोदरी के सम्पूर्ण जीवन की झलक के माध्यम से उपेक्षित महिलाओं की महत्ता प्रतिपादित किया गया है साथ ही साथ मन्दोदरी के सम्बंध में
मधुरा-मन्दोदरी
।।ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे।। मधुरा-मन्दोदरी खण्ड काव्य स्त्री चरित्र पर प्रकाश डालने का एक प्रयास है।मन्दोदरी के सम्पूर्ण जीवन की झलक के माध्यम से उपेक्षित महिलाओं की महत्ता प्रतिपादित किया गया है साथ ही साथ मन्दोदरी के सम्बंध में
काव्यात्मक वर्णमाला
नन्हें-मुन्ने प्यारे बच्चों के बहु विधि ज्ञान वर्धन के लिए किया गया यह प्रयास निश्चित ही समस्त हिन्दी भाषी के लिए एक गौरव का विषय होना ही चाहिए। बहु प्रचलित सरल चौपाई छन्द बच्चों को शीघ्रातिशीघ्र याद हों जायेगा। हिन्दी वर्णमाला के
काव्यात्मक वर्णमाला
नन्हें-मुन्ने प्यारे बच्चों के बहु विधि ज्ञान वर्धन के लिए किया गया यह प्रयास निश्चित ही समस्त हिन्दी भाषी के लिए एक गौरव का विषय होना ही चाहिए। बहु प्रचलित सरल चौपाई छन्द बच्चों को शीघ्रातिशीघ्र याद हों जायेगा। हिन्दी वर्णमाला के