।। विषम अलंकार।।
परिभाषा:-
जहाँ कार्य और कारण से सम्बद्ध गुणों अथवा क्रियाओं का परस्पर विरोध उत्पन्न हो वहाँ विषम अलंकार होता है।
उदाहरण:-
1.कस कीन्ह बरू बौराह बिधि जेहिं तुम्हहि सुंदरता दई।
जो फलु चहिअ सुरतरूहि सो बरबस बबूरहिं लागई।।
2.कोउ कह संकर चाप कठोरा।
ये स्यामल मृदु गात किसोरा।।
।। धन्यवाद ।।