हमको ख्वाबों में ख्यालों में तुम बसा लेना,अपने होठो पे हमको गीतों-सा सजा लेना,हम क़यामत तलक न साथ तेरा छोड़ेंगे,हम हैं हाज़िर, हमें जब चाहे आजमा लेना,कोई महफ़िल हो या तन्हाई का आलम कोई,बड़ी मशरूफ़ रहो या रहो खोयी-खोयी ,हर घड़ी साथ निभाने का तुमसे वादा है,जी में जब आये, हमें बेझिझक बुला लेना,साथ कोई दे न दे