Dil Pe Zara Hath Rakh Lo Lyrics of Apnapan (1977): This is a lovely song from Apnapan starring Jeetendra, Reena Roy, Iftekhar and Aruna Irani. It is sung by Asha Bhosle and composed by Laxmikant and Pyarelal.अपनापन (Apnapan )अपन के पास न सोना रूपअपन के पास न चांदीफिर भी खुशी में पागल हो करमैंने जांझ
Ek Din Mein Sau Baar Lyrics from the movie Apnapan is sung by Anuradha Paudwal and Dilraj Kaur, its music is composed by Laxmikant and Pyarelal and lyrics are written by Anand Bakshi.अपनापन (Apnapan )एक दिन में सौ बार करती हूँएक दिन में सौ बार करती हूँमैं डैडी से प्यार करती हूँएक दिन में सौ बार करती
Is Duniya Mein Jeena Hai Lyrics of Apnapan (1977) is penned by Anand Bakshi, it's composed by Laxmikant and Pyarelal and sung by Lata Mangeshkar and Kishore Kumar.अपनापन (Apnapan )इस दुनिया में जीना हैइस दुनिया में मरना हैइस दुनिया में जीना हैइस दुनिया में मरना हैतेरे दिल में जगह मिलीस्वर्ग हमें क्य
Somwar Ko Hum Mile Lyrics of Apnapan (1977): This is a lovely song from Apnapan starring Jeetendra, Reena Roy, Iftekhar and Aruna Irani. It is sung by Kishore Kumar and Lata Mangeshkar and composed by Laxmikant and Pyarelal.अपनापन (Apnapan )सोमवार को हम मिलेमंगलवार को नैंअरे सोमवार को हम मिलेमंगलवार
फिल्म अपनपन से आम मुसाफिर है गीत। इस सुंदर गीत के गीत आदम मुसाफिर है, आनंद बक्षी द्वारा अच्छी तरह से लिखे गए हैं जबकि लक्ष्मीकांत और प्यारेलाल का संगीत बहुत अच्छा है।अपनापन (Apnapan )आदमी मुसाफ़िर हैझोंका हवा का पानी का रेलाझोंका हवा का पानी का रेलामेले में रह जाए जो अकेलामेले में रह जाए जो अकेलाफिर
फिल्म अपनापन से आदम मुसाफिर है (सदा संस्करण) लता मंगेशकर द्वारा गाया जाता है, इसका संगीत लक्ष्मीकांत और प्यारेलाल द्वारा रचित है और गीत आनंद बक्षी द्वारा लिखे गए हैं।अपनापन (Apnapan )रोती हैं आँखें
"Apnapan" is a 1977 hindi film which has Jeetendra, Reena Roy, Iftekhar, Aruna Irani, Sulakhshana Pandit, Sanjeev Kumar, Pinchoo Kapoor, Birbal and Madhu Chanda in lead roles. We have 6 songs lyrics and 4 video songs of Apnapan. Laxmikant and Pyarelal have composed its music. Anuradha Paudwal, Dilr
हमको ख्वाबों में ख्यालों में तुम बसा लेना,अपने होठो पे हमको गीतों-सा सजा लेना,हम क़यामत तलक न साथ तेरा छोड़ेंगे,हम हैं हाज़िर, हमें जब चाहे आजमा लेना,कोई महफ़िल हो या तन्हाई का आलम कोई,बड़ी मशरूफ़ रहो या रहो खोयी-खोयी ,हर घड़ी साथ निभाने का तुमसे वादा है,जी में जब आये, हमें बेझिझक बुला लेना,साथ कोई दे न दे
अंग्रेज़ीदा लोगों का मौफुसिल टाउन ,और यादों का शहर पुराना सा .कुछ अधूरी नींद का जागा,कुछ ऊंघता कुनमुनाता साशहर मेरा अपना कुछ पुराना सा .हथेलियों के बीच से गुज़रतेफिसलते रेत के झरने सा . कुछ लोग पुराने से ,कुछ छींटे ताज़ी बूंदों केकुछ मंज़र अजूबे सेऔर एक ठिठकती ताकती उत्सुक सी सुबह . सरसरी सवालिया निगाह