Gunjan Naveenkumar
सिफारिश
सिफारिश लोगों की कमजोरी को दर्शाती है जमीर इजाजत न दे फिर भी इसकी लत लग ही जाती है। इश्क की सिफारिश में लाखों बर्बाद हुए ऑंसुओं की बारिश में अनेकों दिल तबाह हुए । सिफारिश की थी खुदा से मैंने मेरे महबूब को उसका इश्क
सिफारिश
सिफारिश लोगों की कमजोरी को दर्शाती है जमीर इजाजत न दे फिर भी इसकी लत लग ही जाती है। इश्क की सिफारिश में लाखों बर्बाद हुए ऑंसुओं की बारिश में अनेकों दिल तबाह हुए । सिफारिश की थी खुदा से मैंने मेरे महबूब को उसका इश्क
नौकरी का पहला दिन
यह कुदरत भी ना ! हम गरीबों पर ही सारे कहर ढ़ाहती है । छोटा सा तो परिवार है हमारा । अम्मा .. बाबूजी .. रज्जो ... मैं और मेरी फूल सी ढाई वर्ष की बिटिया कमली । सब कुछ कितना अच्छे से चल रहा था । बाबूजी के साथ मिलकर मैं अपनी जमीन के छोटे से टुकड़े प
नौकरी का पहला दिन
यह कुदरत भी ना ! हम गरीबों पर ही सारे कहर ढ़ाहती है । छोटा सा तो परिवार है हमारा । अम्मा .. बाबूजी .. रज्जो ... मैं और मेरी फूल सी ढाई वर्ष की बिटिया कमली । सब कुछ कितना अच्छे से चल रहा था । बाबूजी के साथ मिलकर मैं अपनी जमीन के छोटे से टुकड़े प
शापित आईना
जज साहब ! मैं झूठ नहीं बोल रही हूॅं । मैं सच कह रही हूॅं । मेरी पति उसी आईने में कैद है जिसे वह पगलिया औरत शापित आईना कह कर संबोधित कर रही थी । सबके साथ - साथ पुलिस इंस्पेक्टर भी कहते हैं कि मैंने अपने पति का क़त्ल किया है और उनकी बॉडी को कह
शापित आईना
जज साहब ! मैं झूठ नहीं बोल रही हूॅं । मैं सच कह रही हूॅं । मेरी पति उसी आईने में कैद है जिसे वह पगलिया औरत शापित आईना कह कर संबोधित कर रही थी । सबके साथ - साथ पुलिस इंस्पेक्टर भी कहते हैं कि मैंने अपने पति का क़त्ल किया है और उनकी बॉडी को कह