हिंदी हाइकु कविता:-
पतझड़ है,
बरसात आने दो।
मधुमास भी।।
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सुख की इच्छा,
भोगना है, अभी तो।
वनवास भी।।
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बना हुआ है
प्यार का आभास भी।
ये विश्वास भी।।
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कर दो कृपा,
मेरे प्रभु अब तो।
हूं मैं दास भी।।
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*© राजीव नामदेव "राना लिधौरी"*
संपादक- "आकांक्षा" पत्रिका
संपादक- 'अनुश्रुति' त्रैमासिक बुंदेली ई पत्रिका
जिलाध्यक्ष म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़
अध्यक्ष वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
नई चर्च के पीछे, शिवनगर कालोनी,
टीकमगढ़ (मप्र)-472001
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