हमें तो नहीं, शायद तुम्हें ही इल्म होहमारे मर्जे इश्क़ का इलाज क्या है
हमारी इस तन्हाई को मिटाने करने का तरीक़ा क्या है
आँखों में बसे इंतज़ार को ख़त्म करने का तरीक़ा क्या है
दिल में बसी यादों का मिटाने का तरीक़ा क्या है
ज़िन्दगी के ख़ालीपन से निजात पाने का तरीक़ा क्या है
इस अस्तित्व के अधूरेपन को दूर करने का तरीक़ा क्या है
इन सवालों का जवाब क्या है
हमें तो नहीं, शायद तुम्हें ही इल्म हो
१ मार्च २०१६
जिनेवा