11 मई 2017
बिम्ब सा !दिखता हैमुझको मन के कोनों में अभी कुछ नहीं,ये भ्रम है ! मेरा वेदना ! मुझमें कहीं संभवतः ! हताशा होगी ये तोड़ती ! हिम्मत मेरीअर्जित नहीं जो कर सका !