ज़माना हिंग्लिश का हो चला है,मै भी अछूती नहीं इसीलिए उसी रंग की हूँ..
12हवी तक हिन्दी में पढाई की,लेकिन मेडिकल तो हिन्दी में नहीं होता न..!
तो फिर शुरु किया हिन्दी में याद करना और इंग्लिश में लिखना।
लेकिन बात जमी नहीं और अब हाल यह है कि न तो हिन्दी ही उत्तम हो सकी और न ही इंग्लिश... और इस तरह हम हो चले #हिंग्लिश_भाषी..!!
शायद यहीं हाल हमारे देश के अधिकतम युवाओं का है, ऐसा मुझे लगता है!
खैर.. इंसान कितना भी भटक जाये,लेकिन एक दिन उसे अपनी गलती का एहसास हो जाया करता है,जब गलती का एहसास हो जाये,तब अक्ल आ जाती है। और जब अक्ल आ जाये,तब वह अपने घर लौट आता है!😊
इस तरह मैं भी लौटी हूँ घर को.. एक दिन पहुँच ही जाउंगी,उम्मीद करतीं हूँ। और उम्मीद यह भी करतीं हूँ.. के हम सब अपने घर को लौटें.... लौटें हम #हमारी_मातृभाषा_राष्ट्रभाषा__हिन्दी की ओर!! #आप_सभी_को_हिन्दी_दिवस_की_शुभकामनाएँ 💐💐💐💐💐💐💐💐