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हम, विकास और बेजुवाँ

31 जनवरी 2015

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यूँ तो हमें अपने आप को मानव होने पे गर्व होता है और होना भी चाहिए क्योंकी भगवन ने हमें सोचने और औरों से जयादा समझने की छमता प्रदान किया है । मानव अपने इसी छमता के बल पर अपने आस-पास की चीजों, लोगों और हर संभव दूसरे गोले पे भी अपना राज अस्थापित करने का सतत् प्रयाश करते रहता है। पर आज जब हम आपने आस-पास के दूसरे बेजुवाँ जो हमारी तरफ धरना नही दे साकते, जीव-जंतू के तरफ नजर दौड़ाते हैं तो अहशास होता है हम अपनी जरुरतो को पूरा करते करते दुसरो का क्या हल कर दिया... साफ सफाई के नाम पे हर तरफ कंक्रीट की ढलाई कर दिए अगल बगल कुछ झाड़ बचे थे उन्हें भी काट दिए उनपे रहने वाले परिंदे तो बेघर हुए, उनकी चहक सुन ने को खुद की कान तरस गई। बचपन की गांव के ठंढी के वो दिन आज भी याद है पेड़ों के निचे झुरमुटो से पत्तो में लिपटे छोटे-छोटे काले भूरे पिल्लों का निकलना और आस पड़ोस के बच्चों के साथ धूप में बैठ खेलना, कुतिया का आ कर पिल्लो को दूध पिलाना.... बड़े होते पिल्लो का हमारे पीछे-पीछे आना, रुक जाने पे पैरों से लिपट जाना, हमारे आगे-आगे उनका खोजी कुत्तो की तरह रास्तों को सूंघते हुए चलना क्या मजा आता था सायद ही कोई ठंढी के कारण मरता था पर अभी का हाल कुछ और है...ठंढ का मौसम ख़त्म होने को आई है और पिल्लो को अपने साथ ले जा रही है और कुतिया उन्हें कभी इस कूड़े की ढेर तो कभी उस कूड़े पे रख आती है पता नही उसके दिमाग में क्या चल रहा होगा... सायद उन पत्तों की गर्मी सड़ते हुए कचरों के ढेर में तलासती हो...हमारी आलीसान बंगलो को देख........ ...... गाली तो न देती होगी...पर अंदर घुसने का असफल प्रयास जरूर.... बातें तो बहुत है पर फिर कभी...पर इतना जरूर कहूँगा विकास सब का हो कही एसा न हो की कल सिर्फ हम हीं हम रह जाएँ इस गोले पे !! एक बार उन वेजुवां के बारे में सोंचिये !! हो सके तो अपने आस पास पेड़-पौधे लगाएं !!!
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हम, विकास और बेजुवाँ

31 जनवरी 2015
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यूँ तो हमें अपने आप को मानव होने पे गर्व होता है और होना भी चाहिए क्योंकी भगवन ने हमें सोचने और औरों से जयादा समझने की छमता प्रदान किया है । मानव अपने इसी छमता के बल पर अपने आस-पास की चीजों, लोगों और हर संभव दूसरे गोले पे भी अपना राज अस्थापित करने का सतत् प्रयाश करते रहता है। पर आज जब हम आपने आस-पास

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एक कदम और

10 फरवरी 2015
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राजनितिक बातचीत के बिना दिन खाली खाली सा लगता है। पिछले कई दिनों से दिल्ली पुरे देश के लिए चर्चा का विषय बना हुआ है और होना भी लाजमी था एक पार्टी का पूरा दाऊ लगा था और आज दिल्ली में आप की अप्रत्याशित बहुमत से जीत ने तो कमाल ही कर दिया। कूछ माइनो में आप की जीत सही भी है, हर जगह एक ही पार्टी की सरकार

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