चुटकुले बाज़ कवि
जिन का मोलिक है कविता लेखन।
हैं कहाँ उन पे कविसम्मेलन।।
मसखरे बन गये महान कवि।
बीकानेरी रहे न हाथरसी।।
चुटकुले मंच पर सुनाने की।
जिन को कला हंसाने की।।
आजकल हैं वही महान कवि।
और बाक़ी हैं बे निशान कवि।।
बंदरों जैसी शक्ल करते हैं।
जानीलीवर की शक्ल करते हैं।।
मसखरे हो रहे हैं सम्मानित।
और कवि हो रहे हैं अपमानित।।
हास्य रस का महारथी है कोन।
बीकानेरी है हाथरसी है कोन।।
दर्शकों को हंसाया करते थे।
कब लतीफे सुनाया करते थे।।
बात से बात पैदा करते थे।
चार से सात पैदा करते थे।।
चुटकुले पर लिखी कविता एक।
उस कविता के रचनाकार अनेक।।
कोई कहता है उसे हुक्का की।
कोई कहता है उसे तुक्का की।।
उस को सरदार भी पढ़ लेता है।
चुटकुले हर कोई गढ़ लेता है।।
चुटकुलों पर लिखी कवितायें।
तालियां दर्शकों से बजवायें।।
चुटकुले बाज़ सब डिमांड पे हैं।
बाकी सारे कवि रिमांड पे हैं।।
चुटकुलों पर कवि का मानना है।
क्या कवि है सभी का मानना है।।
चुटकुला क्या किसी के बाप का है।
जो सुनाये उसी के बाप का है।।