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कुर्सी नहीं छोडूंगा

26 जुलाई 2022

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कुर्सी नहीं छोड़ूंगा 

सौ बार कसम खाई कुर्सी नहीं छोड़ूंगा। 
ताऊ कहे या ताई कुर्सी नहीं छोड़ूंगा। ।
नेता हूं में तो भाई कुर्सी नहीं छोडूंगा।।

सौ हेर फेर करके कुरसी मुझे मिली है। 
मुद्दत की कोशिशों से दिल की कली खिली है। 
कुर्सी से जिन्दगी की हर इक खुशी जुडी है। 

कुर्सी है करिश्माई कुरसी नहीं छोड़ूंगा। 
नेता हूं में तो भाई कुरसी नहीं छोड़ूंगा। 

कुरसी से गधों की भी बन जाती शख्सियत है। 
कुरसी से ही वतन में नेता की अहमियत है। 
कुरसी ही दरहकीकत नेता की वलदियत है। 

मुश्किल से हाथ आई कुरसी नहीं छोड़ूंगा। 
नेता हूं में तो भाई कुरसी नहीं छोड़ूंगा। 

सोने की कार दी है चांदी का घर दिया है। 
मुझ जैसे बेहुनर को हर इक हुनर दिया है। 
हर बैंक के खाते को रिश्वत से भर दिया है। 

कुरसी से है कमाई कुरसी नहीं छोडूंगा। 
नेता हूं में तो भाई कुरसी नहीं छोड़ूंगा। 

जिस वक्त कर दिया था अब्बा ने आक मुझको। 
लगती थी जिन्दगी भी अपनी मजाक मुझको। 
बीवी भी कह रही थी देदो तलाक मुझको। 

कुरसी ही काम आई कुरसी नहीं छोड़ूंगा। 
नेता हूं में तो भाई कुरसी नहीं छोड़ूंगा। 

कुरसी से दावतें हैं बिरयानी कोरमा है ।
कुरसी से सारी ताकत कुरसी से दबदबा है। 
इस जिन्दगी में अलवी कुरसी बगैर क्या है। 

पब्लिक करे पिटाई कुरसी नहीं छोड़ूंगा। 
नेता हूं में तो भाई कुरसी नहीं छोड़ूंगा। 


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