21 सितम्बर 2015
धन्यवाद ! ओम प्रकाश जी
6 अक्टूबर 2015
धन्यवाद ! माँ जी
6 अक्टूबर 2015
Sathi bhi ab sath कहाँ........................ये सच है की किसी के २ सब्द मन में खड़े होने का हौसला देते है लकिन ।.........सबसे सच्चा साथी हमारा मन होता है ।….सबसे पहले उसकी ज़रूर सुन लेनी चाहिए ।…।...अच्छे विचार साझा किये है
5 अक्टूबर 2015
... लेकिन आप आसान काम के लिए तो बने ही नहीं हैं, अब देखिये न, इंजीनियरिंग करना भी तो आसान काम नहीं है । लेकिन आप अपनी मेहनत के बल पर आगे बढ़ते जा रहे हैं । आप किसी भीड़ में खो जाने वाले शख्स नहीं हैं । तुम एक योद्धा हो, तुम्हें आज के हालात से लड़ना ही होगा । और, जीत इसी के आगे है ।
5 अक्टूबर 2015