kumar sandeep ke बोल
माना ये पल तुम्हे कर देंगे झकझोरपर डटे रहना होना ना कमजोरगौर से देखना वहीँ चारो औरमिल जाएगी कहीं एक आशा की डोरतब डोर के सहारे चल देना उस औरकामयाबी मिलती हो जिस औरअपने धीमे कदमो से मचा देना सफलता का शोरऔर बन जाना सफलता के सफल चोरअगर सुनना हो कुछ औरतो कहना यार संदीप एक और एक औरलेखक:कुमार संदीप(लोसल,सी