shabd-logo

kumar sandeep ke बोल

23 सितम्बर 2015

708 बार देखा गया 708
featured imageमाना ये पल तुम्हे कर देंगे झकझोर पर डटे रहना होना ना कमजोर गौर से देखना वहीँ चारो और मिल जाएगी कहीं एक आशा की डोर तब डोर के सहारे चल देना उस और कामयाबी मिलती हो जिस और अपने धीमे कदमो से मचा देना सफलता का शोर और बन जाना सफलता के सफल चोर अगर सुनना हो कुछ और तो कहना यार संदीप एक और एक और लेखक: कुमार संदीप(लोसल,सीकर) Dedicated to my loving friends,
कुमार  संदीप

कुमार संदीप

धन्यवाद!

7 अक्टूबर 2015

पंकज कुमार

पंकज कुमार

मैं सोचता हूँ की वह इंसान बहुत खुस्किस्मत होगा जिसके लिए आपने यह कविता लिखी होगी !

6 अक्टूबर 2015

पंकज कुमार

पंकज कुमार

वाह कुमार संदीप जी ; आप बहुत अच्छा लिखते हैं !

6 अक्टूबर 2015

ओम प्रकाश शर्मा

ओम प्रकाश शर्मा

"डटे रहना, होना न कमज़ोर"।..... ये हुई ना बात !

5 अक्टूबर 2015

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए