कभी-कभी इंसान अपेक्षाओं के पीछे भागते तमस की गर्ता में चले जाते है जहाँ से उभरना नामुमकिन होता है किसीकी किस्मत अच्छी होती है जिसे ईश्वर कृपा से कोई उस दलदल से बाहर निकालने में मदद करता है। एक ऐसी ही औरत की कहानी है।
"परिचय"
मैं बेंगलोर से भावना ठाकर एक छोटी सी रचनाकार हूँ, पढ़ना लिखना और संगीत सुनना मेरे शौक़ है। मैं कविताएँ, कहानियां और हर विषय पर लेख लिखती हूँ।
देश के लगभग बहुत सारे राज्यों में मेरे लेख कविताएँ और कहानियाँ छपती है।
साहित्यिक सफ़र में दो अवार्