![bhavna Thaker](/_next/image?url=https%3A%2F%2Fshabd.s3.us-east-2.amazonaws.com%2Fusers%2F611d425242f7ed561c896f37_1646967227325.jpg&w=384&q=75)
bhavna Thaker
"परिचय" मैं बेंगलोर से भावना ठाकर एक छोटी सी रचनाकार हूँ, पढ़ना लिखना और संगीत सुनना मेरे शौक़ है। मैं कविताएँ, कहानियां और हर विषय पर लेख लिखती हूँ। देश के लगभग बहुत सारे राज्यों में मेरे लेख कविताएँ और कहानियाँ छपती है। साहित्यिक सफ़र में दो अवार्ड से सम्मानित हूँ, साथ ही 120 से ज़्यादा डिजिटल सर्टिफिकेट से सम्मानित हूँ। मेरे 5 साझा संकलन पब्लिश हो चुके है, और खुद का एकल काव्य संग्रह "चंद बूँदें मेरे तसव्वुर की" प्रकाशित हो चुका है। इस किताब में पहली बार कुछ महिलाओं के जीवन में घट रही घटनाओं को अपनी कल्पनाओं को उड़ान देते शब्दों के ज़रिए सहज, सरल भाषा में पिरोने का प्रयास किया है। सारी रचनाएँ अपनी रूह की कलम से लिखकर इस काव्य सागर को आपके समक्ष रख रही हूँ। और चाहती हूँ कि मेरी इस कल्पनाओं की खट्टी-मीठी यात्रा में हंसी, खुशी, प्रेम, विरह, दर्द, नफ़रत और आँसूओं से भरी शब्दों की पतवार संग भावनाओं की कश्तीयों में बैठकर शब्दों का समुन्दर पार करें। आशा करती हूँ पढ़ कर आपके मन में भावसान्द्रता का सैलाब उठे। आपके प्रतिभाव के इंतज़ार में मेरी लेखनी नविन उर्जा का स्त्रोत भरने के लिए बेताब है, इस स्त्री विमर्श संग्रह के न्यायधीश मेरे सारे पाठक होंगे, मेरी कलम को कितना न्याय देना है ये मैं आप पर छोड़ती हूँ। धन्यवाद। भावना ठाकर 'भावु' बेंगलोर
![स्त्री विमर्श](/_next/image?url=https%3A%2F%2Fshabd.s3.us-east-2.amazonaws.com%2Fbooks%2F%25E0%25A4%25B8%25E0%25A5%258D%25E0%25A4%25A4%25E0%25A5%258D%25E0%25A4%25B0%25E0%25A5%2580-%25E0%25A4%25B5%25E0%25A4%25BF%25E0%25A4%25AE%25E0%25A4%25B0%25E0%25A5%258D%25E0%25A4%25B6--bhavna-Thaker-1648891319842_1648891319843.jpg&w=384&q=75)
स्त्री विमर्श
इक्कीसवीं सदी में भी कुछ नारियों के लिए कुछ भी नहीं बदला। बेशक कुछ महिलाओं के जीवन में परिवर्तन आया है, पर आज भी कुछ मर्दों के दिमाग में पितृसत्तात्मक वाली सोच पल रही है, जिसका खामियाजा कुछ स्त्रियाँ भुगत रही है। मेरी यह किताब उन्हीं महिलाओं को समर्प
![स्त्री विमर्श](/_next/image?url=https%3A%2F%2Fshabd.s3.us-east-2.amazonaws.com%2Fbooks%2F%25E0%25A4%25B8%25E0%25A5%258D%25E0%25A4%25A4%25E0%25A5%258D%25E0%25A4%25B0%25E0%25A5%2580-%25E0%25A4%25B5%25E0%25A4%25BF%25E0%25A4%25AE%25E0%25A4%25B0%25E0%25A5%258D%25E0%25A4%25B6--bhavna-Thaker-1648891319842_1648891319843.jpg&w=256&q=75)
स्त्री विमर्श
इक्कीसवीं सदी में भी कुछ नारियों के लिए कुछ भी नहीं बदला। बेशक कुछ महिलाओं के जीवन में परिवर्तन आया है, पर आज भी कुछ मर्दों के दिमाग में पितृसत्तात्मक वाली सोच पल रही है, जिसका खामियाजा कुछ स्त्रियाँ भुगत रही है। मेरी यह किताब उन्हीं महिलाओं को समर्प
!["शृंगार रस"](/_next/image?url=https%3A%2F%2Fshabd.s3.us-east-2.amazonaws.com%2Fbooks%2F%2522%25E0%25A4%25B6%25E0%25A5%2583%25E0%25A4%2582%25E0%25A4%2597%25E0%25A4%25BE%25E0%25A4%25B0-%25E0%25A4%25B0%25E0%25A4%25B8%2522-bhavna-Thaker-1648889922547_1648889922547.jpg&w=384&q=75)
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![ज़िंदगी के रंग कई रे](/_next/image?url=https%3A%2F%2Fshabd.s3.us-east-2.amazonaws.com%2Fbooks%2F%25E0%25A4%259C%25E0%25A4%25BC%25E0%25A4%25BF%25E0%25A4%2582%25E0%25A4%25A6%25E0%25A4%2597%25E0%25A5%2580-%25E0%25A4%2595%25E0%25A5%2587-%25E0%25A4%25B0%25E0%25A4%2582%25E0%25A4%2597-%25E0%25A4%2595%25E0%25A4%2588-%25E0%25A4%25B0%25E0%25A5%2587--bhavna-Thaker-1649753626037_1649753626037.jpg&w=384&q=75)
ज़िंदगी के रंग कई रे
कभी-कभी इंसान अपेक्षाओं के पीछे भागते तमस की गर्ता में चले जाते है जहाँ से उभरना नामुमकिन होता है किसीकी किस्मत अच्छी होती है जिसे ईश्वर कृपा से कोई उस दलदल से बाहर निकालने में मदद करता है। एक ऐसी ही औरत की कहानी है।
![ज़िंदगी के रंग कई रे](/_next/image?url=https%3A%2F%2Fshabd.s3.us-east-2.amazonaws.com%2Fbooks%2F%25E0%25A4%259C%25E0%25A4%25BC%25E0%25A4%25BF%25E0%25A4%2582%25E0%25A4%25A6%25E0%25A4%2597%25E0%25A5%2580-%25E0%25A4%2595%25E0%25A5%2587-%25E0%25A4%25B0%25E0%25A4%2582%25E0%25A4%2597-%25E0%25A4%2595%25E0%25A4%2588-%25E0%25A4%25B0%25E0%25A5%2587--bhavna-Thaker-1649753626037_1649753626037.jpg&w=256&q=75)
ज़िंदगी के रंग कई रे
कभी-कभी इंसान अपेक्षाओं के पीछे भागते तमस की गर्ता में चले जाते है जहाँ से उभरना नामुमकिन होता है किसीकी किस्मत अच्छी होती है जिसे ईश्वर कृपा से कोई उस दलदल से बाहर निकालने में मदद करता है। एक ऐसी ही औरत की कहानी है।
![bhavna Thaker की डायरी](/_next/image?url=%2F_next%2Fstatic%2Fmedia%2Fbook.0614cbf5.png&w=384&q=75)
![bhavna Thaker की डायरी](/_next/image?url=%2F_next%2Fstatic%2Fmedia%2Fbook.0614cbf5.png&w=256&q=75)
![ज़िंदगी के रंग कई रे](/_next/image?url=https%3A%2F%2Fshabd.s3.us-east-2.amazonaws.com%2Fbooks%2F611d425242f7ed561c896f37_1648237648182.jpg&w=384&q=75)
ज़िंदगी के रंग कई रे
कभी-कभी इंसान अपेक्षाओं के पीछे भागते तमस की गर्ता में चले जाते है जहाँ से उभरना नामुमकिन होता है किसीकी किस्मत अच्छी होती है जिसे ईश्वर कृपा से कोई उस दलदल से बाहर निकालने में मदद करता है। ऐसी ही एक लालायित औरत की कहानी है 'ज़िंदगी के रंग कई रे'
![ज़िंदगी के रंग कई रे](/_next/image?url=https%3A%2F%2Fshabd.s3.us-east-2.amazonaws.com%2Fbooks%2F611d425242f7ed561c896f37_1648237648182.jpg&w=256&q=75)
ज़िंदगी के रंग कई रे
कभी-कभी इंसान अपेक्षाओं के पीछे भागते तमस की गर्ता में चले जाते है जहाँ से उभरना नामुमकिन होता है किसीकी किस्मत अच्छी होती है जिसे ईश्वर कृपा से कोई उस दलदल से बाहर निकालने में मदद करता है। ऐसी ही एक लालायित औरत की कहानी है 'ज़िंदगी के रंग कई रे'