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ज़रूरत नहीं है!

31 जुलाई 2022

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ज़रूरत नहीं हैं सिफ़ारिश की मुझको!

ज़रूरत नहीं हैं नवाज़िश की मुझको!

यारों आता हैं मुझको हक़ छीन लेना!

ज़रूरत नहीं हैं गुज़ारिश की मुझको!

सूखे कुएँ को शबनम से भर देता हूँ!

ज़रूरत नहीं हैं बारिश की मुझको!

आप सभी जानते है यही बहुत हैं!

ज़रूरत नहीं हैं नुमाईश की मुझको!

मेरी गज़लो के लफ़्ज़ खुद बोलते हैं!

ज़रूरत नहीं हैं सताईश की मुझको!

समर तो रहता हैं आप ही के दिल में!

ज़रूरत नहीं हैं रिहाइश की मुझको!

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