कोरोना पर विचार दृष्टि
कल करे सो आज कर आज करे सो अब , पल में परलय होएगी , बहुरि करैगो कब।कबीरदासजी द्वारा रचित उपर्युक्त पंक्तियों को हम सब बचपन से सुनते-पढ़ते तो आ रहे हैं, पर प्रत्यक्ष इनका अनुभव हम अवश्य आज की इस विषम परिस्थिति में कर पा रहे होंगे। ऐसे कई आवश्यक कार्य जो हमने समय