ललचाती,
सकुचाती,सीखाती,
भरमाती,इठलाती,
अंततः,
सुस्ताती चीर निंद्रा!!
जीवन यात्रा।
अंदाज अलग,
भागमभाग,
चैन औ सुकूं की,
अंततः,
नींद उड़ाती!!
जीवन यात्रा।
अनुभव बांटे,
भविष्य को बांचती,
वर्तमान भुलाती,
अंततः,
मन भटकाती!!
जीवन यात्रा।
कहकहे लगाती कभी,
मन कचोटती कभी,
हंसाती कभी, रुलाती,
अंततः,
मिट्टी मिश्रित होती!!
जीवन यात्रा।
स्वरचित :- राठौड़ मुकेश