shabd-logo

सफलता

10 फरवरी 2020

2457 बार देखा गया 2457

सफलता..

उपहार है श्रम का..

स्वेद के कण-कण का..

सफलता..

परमानंद है..

मान है सम्मान है..

सफलता..

श्रेय है लगन का..

वटवृक्ष सी शीतल छाँव है..

परिमाप है श्रेष्ठता का..

सफलता..

बल है संघर्ष का..

मार्ग है उत्कर्ष का...

है क्षण यही हर्ष का..


स्वरचित :- राठौड़ मुकेश

Rathod mukesh की अन्य किताबें

2
रचनाएँ
mukesh143
0.0
ख्वाहिश नहीं है किसी जन्नत की मुझे,जहाँ होऊं राख,हिंद की हो वो खाक।✍️✍️राठौड़ मुकेश
1

जीवन यात्रा

8 जनवरी 2020
0
1
0

ललचाती,सकुचाती,सीखाती,भरमाती,इठलाती,अंततः,सुस्ताती चीर निंद्रा!!जीवन यात्रा।अंदाज अलग,भागमभाग,चैन औ सुकूं की,अंततः,नींद उड़ाती!!जीवन यात्रा।अनुभव बांटे,भविष्य को बांचती,वर्तमान भुलाती,अंततः,मन भटकाती!!जीवन यात्रा।कहकहे लगाती कभी,मन कचोटती कभी,हंसाती कभी, रुलाती,अंततः,मिट्टी मिश्रित होती!!जीवन यात्रा।

2

सफलता

10 फरवरी 2020
0
2
0

सफलता..उपहार है श्रम का..स्वेद के कण-कण का..सफलता..परमानंद है..मान है सम्मान है..सफलता..श्रेय है लगन का..वटवृक्ष सी शीतल छाँव है..परिमाप है श्रेष्ठता का..सफलता..बल है संघर्ष का..मार्ग है उत्कर्ष का...है क्षण यही हर्ष का..स्वरचित :- राठौड़ मुकेश

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए