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जवानी की गलती पार्ट 2..

3 मई 2024

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मेरी लाइफ मे सब अच्छा चल रहा था वर्ष 2020  मे मेरे घर मेरी भाभी के भाई की शादी थी  तभी मेरे को बारात मे जाने का मौका मिला पर किस्मत को ये मंजूर नही था क्योकि जिस दिन तिलक होना था उसी दिन मेरे पापा जी हम सबको छोड़ के चले गए सुबह का समय मेरा पूरा घर बिखर गया कुछ बोल पाते वो और हम सोच पाते कुछ नही बस पापा पापा ही दिखा रहे थे 

             ................ किसको फोन करे क्या करे कुछ समझ नही आ रहा था बस पापा उठा जाओ 

                       माँ को कैसे सभालु कुछ समझ नही आ रहा था हम लोगो की रोने की आवाज आस पास के लोगो ने सुनी और वो सब पापा जी को हॉस्पिटल लेकर गये मन मे एक उम्मीद आ गई पापा ठीक होके घर आएँगे पर कुछ ही समय मे वो एम्बुलेंस की आवाज आज भी मन को चीर देती है

आज भी वो सब समाने आ जाता है वो पल शादी की तैयारी मेरे पापा का  मन पसंद खाना उनकी मर्जी का शादी मे सब कुछ पर वो नही मेरी भाभी के परिवार मे भी सन्नाटा सा हो गया 

                मेरे भाभी के पापा ने मेरे घर को संभाल शादी का काम रोक के मेरे पापा जी का अंतिम काम देखना शुरू किया मेरे  परिवार की तो जैसे दुनिया ही उजड़ गई थी...... 


    पापा जी को इलाहाबाद ले जाया गया. वहाँ जैसे जैसे मेरे पापा  मोक्ष प्राप्त कर रहे थे यहाँ वैसे वैसे मेरे घर मे हिंदू रीति के सब काम हो रहे थे और भाभी के घर तिलक हो रही थी दो दिन बाद भाभी के भाई की शादी हमारे घर के पास से हुई 

          सब लोग जा रहे थे मेरे घर से में गई जैसे घर  मे कपड़े पैहने थे उसी कपड़े मे गई आँख मे आसू पापा की याद और पापा के दुआरा की गई तैयारी को देख कर उनकी यादे और ताजा हो रही थी कुछ ही पल वहा रहने के बाद मै तुरन्त अपने घर आ गई 

    मन मे पापा के सपने आँखों मे आसू और अकेलापन बस यही था मेरे पास.......... 

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