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कांटों से कुशल जीवन है

27 अक्टूबर 2022

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जिंदगी भी कितनी अजीब है ना, कभी रुलाती है कभी हँसाती है। अपने ही अंदाज में अपने रंग बिखेरती है..कहते है कि जिंदगी गुलाब की पंखुड़ियों जैसे कोमल है पर सब ये भी जानते है कि काँटे भी है उस गुलाब के साथ। बस हम उन्हें चाहते नहीं है, कोई भी क्यूँ चाहें काँटे को??? 

सभी को बस वो गुलाब नजर आता है पर वो काँटे नहीं जिसके इर्द-गिर्द वो पनपता है खिलता है। उसका संघर्ष कोई देखना ही नहीं चाहता, न ही उसके मजबूत साथी को, जो नुकीला है पर जिंदगी को रंगीला करने में इसका भी हाथ है। अब सोचो जरा, " अगर हमें आसानी से सब मिल जाता तो क्या हम उसका आदर करते???? " ......

चलो मान लो करते तो भी उसकी कीमत जल्द भूल जाते...क्यूँ की जिंदगी का उसूल समझलो इसे, अगर कोई भी चीज़ बिना संघर्ष के, बिना मेहनत से मिले तो हम उसकी कदर जल्दी भूल जाते है और वही अगर मेहनत के पसीने से,समय के संघर्ष को लाँघकर मिले तो उसका मूल्य दुगुना हो जाता है। 

क्यूंकि हमे मूल्य उसी का याद रहता है जब हम उसे पाने के लिए जी जान लगाकर, रात दिन एक कर के... प्रतिदिन उसे पाने की चाहत को ललकार कर, उस चाहत को दिल में ले कर आगे बढ़े तो उसे जीतने या पाने की खुशी अलग ही होती हैं। 

और हमेश याद रखना प्यार की सीढ़ी भी कांटों से तेह होकर ही जिंदगी बनाती हैं।

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मेरे विचार
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फिल्टर फ्री वाला प्यार.....

12 अक्टूबर 2022
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फिल्टर भरी दुनिया में फिल्टर फ्री प्यार ,मिलना मुश्किल है पर हर है हर एक पास ,कोई देखे या न देखें कोई समझे या न समझे ,हमेश होता है प्योर वो है माँ का प्यार ।।

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जिंदगी का रंगीन सफ़र

12 अक्टूबर 2022
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बादल गरजते है, तभी तो वर्षा होती हैं, वैसे ही, जब बारिश के बूंदों की तकरार सूर्य से होती हैं, तभी तो इन्द्रधनुष बनता है, बस तो, हमारी जिंदगी का सफ़र भी कुछ ऐसा ही है,&nbs

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पन्नों का खेल - जिंदगी!!!

13 अक्टूबर 2022
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एक अलग ही जुगलबंदी है इनकी, जिंदगी हो या किताब ,पहल दोनों में जरूरी है, पन्ने सम्भाल कर पलटना ,जिंदगी है जनाब, किताब फिर भी नयी मिल जायेगी, पर जिंदगी न मिलेगी दुबारा, चोट के

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नेकी में भी खामियां ???

26 अक्टूबर 2022
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कुछ भी बहुत ज्यादा, हानिकारक बन जाता है, आश्चर्य की बात है, कि, दयालुता भी हानिकारक हो सकती हैं, वो कहते है ना..."भलाई का ज़माना ही नहीं रहा हैं " ,ये एक ही तो स्वभाव था, जो ह

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कभी सोचा नहीं !!!

26 अक्टूबर 2022
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कभी सोच नहीं, ऐसी भी एक खूबी होगी, जो एक सपना बन जायेगी ,कभी सोचा नहीं...कभी सोचा नहीं, आखें उस दिन को जीने के लिए तरसेगी ,हाथ उस सपने को मेहसूस करने के लिए तड़पेगे ,कभी सोचा नहीं......

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झिझक किस बात की है ???

26 अक्टूबर 2022
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मनमौजी हो, सोच बुलंद है, बदलाव के संग बदलते हो, पर अपने चरित्र को नहीं; थोड़े मतलबी हो, पर परिवार के हित में हो ; फिर,झिझक किस बात की है ??? खुल के हंसते हो,&n

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कांटों से कुशल जीवन है

27 अक्टूबर 2022
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जिंदगी भी कितनी अजीब है ना, कभी रुलाती है कभी हँसाती है। अपने ही अंदाज में अपने रंग बिखेरती है..कहते है कि जिंदगी गुलाब की पंखुड़ियों जैसे कोमल है पर सब ये भी जानते है कि काँटे भी है उस गुलाब के साथ।

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उम्मीद के रंग

27 अक्टूबर 2022
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उम्मीद हर किसी से हो या न हो, पर खुद से जरूर होनी चाहिए,अगर उम्मीद न रहे तो सब बिखर सा जाता ,अगर वही उम्मीद बनी रहे तो सब सवंर जाता है ,कुछ नया करने के लिए ,आगे बढ़ने के लिए ,सपनो की उड़ान भरने ,

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काश मैं उम्मीद होती......

31 अक्टूबर 2022
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काश मैं उम्मीद होती हर किसी के मन में होती ,हर रोज कोई मेरा इंतजार करता ,हर एक के साथ होती....काश मैं उम्मीद होती ,किसी की मुस्कराहट में झलकती, किसी की दुआओं में दिखती, और हर एक कि खुशि

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