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जिंदगी का रंगीन सफ़र

12 अक्टूबर 2022

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बादल गरजते है, 
तभी तो वर्षा होती हैं, 
वैसे ही, जब 
बारिश के बूंदों की तकरार सूर्य से होती हैं, 
तभी तो इन्द्रधनुष बनता है, 
बस तो, 
हमारी जिंदगी का सफ़र भी कुछ ऐसा ही है, 
मेहनत के पसीने जब बहते हैं, 
तभी खुशी के आँसू झलकते है, 
और जब वो बौछार, 
दिल को सुकून देता है, 
तब जिंदगी का सफ़र रंगीन बन जाता है। 




कविता रावत

कविता रावत

सच दिल के सुकून से बढ़कर इस संसार में कुछ भी नही। बहुत अच्छी रचना, इसी तरह लिखती रहें, हार्दिक शुभकामनाए

12 अक्टूबर 2022

Muskan

Muskan

12 अक्टूबर 2022

बहुत-बहुत आभार मैंम

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रचनाएँ
मेरे विचार
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यहाँ आपको विभिन्न विषयों पर कविताएं पढ़ने को मिलेगी ।
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फिल्टर फ्री वाला प्यार.....

12 अक्टूबर 2022
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फिल्टर भरी दुनिया में फिल्टर फ्री प्यार ,मिलना मुश्किल है पर हर है हर एक पास ,कोई देखे या न देखें कोई समझे या न समझे ,हमेश होता है प्योर वो है माँ का प्यार ।।

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जिंदगी का रंगीन सफ़र

12 अक्टूबर 2022
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बादल गरजते है, तभी तो वर्षा होती हैं, वैसे ही, जब बारिश के बूंदों की तकरार सूर्य से होती हैं, तभी तो इन्द्रधनुष बनता है, बस तो, हमारी जिंदगी का सफ़र भी कुछ ऐसा ही है,&nbs

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पन्नों का खेल - जिंदगी!!!

13 अक्टूबर 2022
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एक अलग ही जुगलबंदी है इनकी, जिंदगी हो या किताब ,पहल दोनों में जरूरी है, पन्ने सम्भाल कर पलटना ,जिंदगी है जनाब, किताब फिर भी नयी मिल जायेगी, पर जिंदगी न मिलेगी दुबारा, चोट के

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नेकी में भी खामियां ???

26 अक्टूबर 2022
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कुछ भी बहुत ज्यादा, हानिकारक बन जाता है, आश्चर्य की बात है, कि, दयालुता भी हानिकारक हो सकती हैं, वो कहते है ना..."भलाई का ज़माना ही नहीं रहा हैं " ,ये एक ही तो स्वभाव था, जो ह

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कभी सोचा नहीं !!!

26 अक्टूबर 2022
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कभी सोच नहीं, ऐसी भी एक खूबी होगी, जो एक सपना बन जायेगी ,कभी सोचा नहीं...कभी सोचा नहीं, आखें उस दिन को जीने के लिए तरसेगी ,हाथ उस सपने को मेहसूस करने के लिए तड़पेगे ,कभी सोचा नहीं......

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झिझक किस बात की है ???

26 अक्टूबर 2022
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मनमौजी हो, सोच बुलंद है, बदलाव के संग बदलते हो, पर अपने चरित्र को नहीं; थोड़े मतलबी हो, पर परिवार के हित में हो ; फिर,झिझक किस बात की है ??? खुल के हंसते हो,&n

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कांटों से कुशल जीवन है

27 अक्टूबर 2022
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जिंदगी भी कितनी अजीब है ना, कभी रुलाती है कभी हँसाती है। अपने ही अंदाज में अपने रंग बिखेरती है..कहते है कि जिंदगी गुलाब की पंखुड़ियों जैसे कोमल है पर सब ये भी जानते है कि काँटे भी है उस गुलाब के साथ।

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उम्मीद के रंग

27 अक्टूबर 2022
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उम्मीद हर किसी से हो या न हो, पर खुद से जरूर होनी चाहिए,अगर उम्मीद न रहे तो सब बिखर सा जाता ,अगर वही उम्मीद बनी रहे तो सब सवंर जाता है ,कुछ नया करने के लिए ,आगे बढ़ने के लिए ,सपनो की उड़ान भरने ,

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काश मैं उम्मीद होती......

31 अक्टूबर 2022
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काश मैं उम्मीद होती हर किसी के मन में होती ,हर रोज कोई मेरा इंतजार करता ,हर एक के साथ होती....काश मैं उम्मीद होती ,किसी की मुस्कराहट में झलकती, किसी की दुआओं में दिखती, और हर एक कि खुशि

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