बेग़म छुट्टी पर हैं
इतवार की मोहक सुबह। लम्बी नींद से अलसाये हुए हमने अंगड़ाई ली तब घड़ी ने नौ बजा दिये थे। खिड़की से आती सुबह की धूप से तन-मन खिल उठा था। इतवारी सुबह से आनन्दित हमने एक-दो-तीन ..................... करके पूरे सात बार शुक्रिया दे डाला उनको, जिन्होंने सप्ताह में एक दिन छुट्टी का बनाया। यह इतवार ना हो