‘मुस्लिम आतंकवाद’ एक अप्रिय शब्दावली है, लेकिन पिछले समय से जो तथ्य उभर कर आ रहे हैं, वे इसकी पुष्टि ही करते हैं। विद्वानों का कहना है कि इस्लाम में आतंकवाद के लिए कोई स्थान नहीं है,लेकिन दुर्भाग्यवश मुस्लिम-बहुल देशों कि सत्ता आतंक पर ही टिकी हुई है और इस्लाम का प्रक्व्हार करनेवाले अनेक संगठन आतंकवाद के माध्यम से ही अपने राजनीतिक उद्देश्यों को पूर्णा करना चाहते हैं। कश्मीरी समस्या के कारण भारत धर्म आधारित आतंकवाद का लंबे समय से शिकार रहा है। लेकिन यह समस्या अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा और बहस का विषय तब बनी जन 11 सितंबर को न्यूयार्क और वाशिंगटन में आतंकवादी प्रहार हुए और वर्ल्ड ट्रेड सेंटर ध्वस्त हो गया। यह किताब आतंकवाद के मुद्दे को व्यापक स्तर पर और नए सिरे से उठती है। Read more