हालात यूँ है कुछ मेरे शहर केकहर बरपा हुआ है चारो तरफलोग ख़ौफ़ के साए में जी रहे इन दिनोंदरवाज़े भी बंद हो गए हैं मंदिर मस्जिद केकिसी भी सम्त कोई रास्ता मिले तो सहीजो हमसे हुई गर ख़ता बख़्श दो अबऐ मेरे मालिक अपने बंदों को इस कहर से बचाइस कहर से बचा....-अश्विनी कुमार मिश्रा