इस पुस्तक का मकसद समाज में होने वाले दैनिक कार्य, प्रेम, जीवन में होने वाली घटनाएं और समाज में आवश्यक परिवर्तन जिनकी भावी समाज को आवश्यकता है।
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जिंदगी की राह आसान थी,सुकुन से चल रही थी।आनंद था भरपूर, आंनद से गुजर रही थी।आया एक ऐसा मोड,जिंदगी की राह बदल गई।ना था जिसमें कोई राहगीर, असमंजस में फंस गई।मोड राह में आये थे पहले,राह चलाने वाले थे पहल
निकल पड़े हैं जीवन राह पर,एक चुनौती लेकर हम।नहीं झुकेंगे नहीं रूकेंगे, जब तक बाजुओं में दम।हिम्मत मेरी ताकत है,हौसला दिल रखता हूं।मंजिल पाना मेरा मकसद,पाने की दम रखता हूं।राह पर कांटे बिछे हुए,कांटे च
चौराहों पर नन्हें बच्चे, भूख-प्यास से तड़प रहे।तन पर वसन ना पग में चप्पल, नंगे तन में घूम रहे।जीवन उनका कैसा दुनिया में ,पीड़ा क्या मन की होगी।आंखों में सपना रोटी का,एक कामना जीवन की होगी।मंदिर की सीढ
हे ईश्वर दे ऐसा वरदान हर जन का हो कल्याण . हर जन प्रेम और अपनापन राखे जन जन का चाहूँ उत्थान , हाथ मिलाकर चले सदा हम नहीं किसी को पीछे छोड़े दीन दुखी के बने सहारे मानवता के रिश्