अपनी सरल भाषा से सरल शब्दों से अपने मन के भावों को काव्य में लिख कर आप सभी के साथ अपनी पुस्तक "कवितावलरी" द्वारा साझा करना चाहती हूं ।
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- शिक्षकों को प्रणाम तराशते शिद्दत से शिक्षक आम से बना देता है खास जिससे जीवन में छाएं उल्लास। दीपक जैसै जलता शिक्षक फैला देते चहुं ओर प्रकाश मेरे जीवन के शिक्षकों को है प्रणाम। है
महाशिवरात्रि आया,आया है महाशिवरात्रि, चलो, सब मिल महाभिषेक कर आएं, फाल्गुन माह,कृष्ण पक्ष,तिथि चतुर्दशी, का महाशिवरात्रि मनाएं। आक ,धतूरा,चन्दन,रोली,मौली,अबीर,तिल और अक्षत से थाली सजाएं, कच्च
-सत्य को समझें नही सत्य की राह से भटक रहा है, सत्य की खोज को मुकर रहा है। चकाचौंध में भेंड़चाल चल रहा है, जीवन क्या है!नहीं समझ रहा है। रिश्तों को भी नोटों से गिन रहा है, अपनों को पराया