![राजस्थान सीमा गुप्ता अलवर](/_next/image?url=https%3A%2F%2Fshabd.s3.us-east-2.amazonaws.com%2Fusers%2F617c26623981b616c784ff47_1636522511553.jpg&w=384&q=75)
राजस्थान सीमा गुप्ता अलवर
मुझे लेखन कला का बहुत शौक है।मैअपने मन के उठेसभी रस युक्त भावों को का्वय रूप में लिख कर सुख की अनभूति करती हूं......👏✍️
![काव्य मंजरी](/_next/image?url=%2F_next%2Fstatic%2Fmedia%2Fbook.0614cbf5.png&w=384&q=75)
काव्य मंजरी
जब मेरे शब्द मन के भावों से सन कर काव्य रूप में कागज पर उतर जाएं तो काव्य मंजरी की रचना होती है।
![काव्य मंजरी](/_next/image?url=%2F_next%2Fstatic%2Fmedia%2Fbook.0614cbf5.png&w=256&q=75)
काव्य मंजरी
जब मेरे शब्द मन के भावों से सन कर काव्य रूप में कागज पर उतर जाएं तो काव्य मंजरी की रचना होती है।
![राजस्थान सीमा गुप्ता अलवर की डायरी](/_next/image?url=https%3A%2F%2Fshabd.s3.us-east-2.amazonaws.com%2Fbooks%2F617c26623981b616c784ff47_1636563507297.jpg&w=384&q=75)
राजस्थान सीमा गुप्ता अलवर की डायरी
नारी सीमांजलि; नारी के प्रत्येक पड़ाव को अपने शब्द देकर काव्य रूप में लिखती हूं।
![राजस्थान सीमा गुप्ता अलवर की डायरी](/_next/image?url=https%3A%2F%2Fshabd.s3.us-east-2.amazonaws.com%2Fbooks%2F617c26623981b616c784ff47_1636563507297.jpg&w=256&q=75)
राजस्थान सीमा गुप्ता अलवर की डायरी
नारी सीमांजलि; नारी के प्रत्येक पड़ाव को अपने शब्द देकर काव्य रूप में लिखती हूं।
![कवितावलरी](/_next/image?url=https%3A%2F%2Fshabd.s3.us-east-2.amazonaws.com%2Fbooks%2Fkavitallari_%25E0%25A4%25B0%25E0%25A4%25BE%25E0%25A4%259C%25E0%25A4%25B8%25E0%25A5%258D%25E0%25A4%25A5%25E0%25A4%25BE%25E0%25A4%25A8%25E0%25A4%25B8%25E0%25A5%2580%25E0%25A4%25AE%25E0%25A4%25BE%25E0%25A4%2597%25E0%25A5%2581%25E0%25A4%25AA%25E0%25A5%258D%25E0%25A4%25A4%25E0%25A4%25BE%25E0%25A4%2585%25E0%25A4%25B2%25E0%25A4%25B5%25E0%25A4%25B0_1694593924016.jpg&w=384&q=75)
कवितावलरी
अपनी सरल भाषा से सरल शब्दों से अपने मन के भावों को काव्य में लिख कर आप सभी के साथ अपनी पुस्तक "कवितावलरी" द्वारा साझा करना चाहती हूं ।
![कवितावलरी](/_next/image?url=https%3A%2F%2Fshabd.s3.us-east-2.amazonaws.com%2Fbooks%2Fkavitallari_%25E0%25A4%25B0%25E0%25A4%25BE%25E0%25A4%259C%25E0%25A4%25B8%25E0%25A5%258D%25E0%25A4%25A5%25E0%25A4%25BE%25E0%25A4%25A8%25E0%25A4%25B8%25E0%25A5%2580%25E0%25A4%25AE%25E0%25A4%25BE%25E0%25A4%2597%25E0%25A5%2581%25E0%25A4%25AA%25E0%25A5%258D%25E0%25A4%25A4%25E0%25A4%25BE%25E0%25A4%2585%25E0%25A4%25B2%25E0%25A4%25B5%25E0%25A4%25B0_1694593924016.jpg&w=256&q=75)
कवितावलरी
अपनी सरल भाषा से सरल शब्दों से अपने मन के भावों को काव्य में लिख कर आप सभी के साथ अपनी पुस्तक "कवितावलरी" द्वारा साझा करना चाहती हूं ।
![-प्रेम की ओर](/_next/image?url=https%3A%2F%2Fshabd.s3.us-east-2.amazonaws.com%2Fbooks%2F-prem-ki-or_rajasthan-sima-gupta-alwar_10276103_1687424368746.jpg&w=384&q=75)
-प्रेम की ओर
प्रेम,प्रीत या इश्क़ रूह से होता है तो दिव्यता को दर्शाता है,वह प्रेम तन का नहीं मन के भावों से जुड़ता है और हां,ऐसा जुड़ता है कि कभी खत्म ही नहीं होता । वासना की ओर नहीं वह उपासना से निभता है। तनिक देर का नहीं,अमर होता है।युग युग तक उसका जिक्र होत
![-प्रेम की ओर](/_next/image?url=https%3A%2F%2Fshabd.s3.us-east-2.amazonaws.com%2Fbooks%2F-prem-ki-or_rajasthan-sima-gupta-alwar_10276103_1687424368746.jpg&w=256&q=75)
-प्रेम की ओर
प्रेम,प्रीत या इश्क़ रूह से होता है तो दिव्यता को दर्शाता है,वह प्रेम तन का नहीं मन के भावों से जुड़ता है और हां,ऐसा जुड़ता है कि कभी खत्म ही नहीं होता । वासना की ओर नहीं वह उपासना से निभता है। तनिक देर का नहीं,अमर होता है।युग युग तक उसका जिक्र होत
![सावन पावन मास](/_next/image?url=https%3A%2F%2Fshabd.s3.us-east-2.amazonaws.com%2Fbooks%2Fsavan-pavan-mas_rajasthan-sima-gupta-alwar_10358148_1721714491863.jpg&w=384&q=75)
सावन पावन मास
भारत त्योहार का देश है ,अब चल रहा है श्रावण मास तो उसी पर लिखी मेरी रचना। सावन का महिना आया देखो, खुशहाली आई है चहुंओर हरियाली दिखाई है हर एक जीव में खुमारी छाई है, कि सावन का महिना आया है। कोयल कूक रही बाग में, पपीहा टेर लग
![सावन पावन मास](/_next/image?url=https%3A%2F%2Fshabd.s3.us-east-2.amazonaws.com%2Fbooks%2Fsavan-pavan-mas_rajasthan-sima-gupta-alwar_10358148_1721714491863.jpg&w=256&q=75)
सावन पावन मास
भारत त्योहार का देश है ,अब चल रहा है श्रावण मास तो उसी पर लिखी मेरी रचना। सावन का महिना आया देखो, खुशहाली आई है चहुंओर हरियाली दिखाई है हर एक जीव में खुमारी छाई है, कि सावन का महिना आया है। कोयल कूक रही बाग में, पपीहा टेर लग
![कवितांजलि](/_next/image?url=%2F_next%2Fstatic%2Fmedia%2Fbook.0614cbf5.png&w=384&q=75)
कवितांजलि
जब मेरे शब्द मन के भावों से सन कर काव्य रूप में कागज पर उतर जाएं तो काव्य मंजरी की रचना होती है।
![कवितांजलि](/_next/image?url=%2F_next%2Fstatic%2Fmedia%2Fbook.0614cbf5.png&w=256&q=75)
कवितांजलि
जब मेरे शब्द मन के भावों से सन कर काव्य रूप में कागज पर उतर जाएं तो काव्य मंजरी की रचना होती है।