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मुझे लेखन कला का बहुत शौक है।मैअपने मन के उठेसभी रस युक्त भावों को का्वय रूप में लिख कर सुख की अनभूति करती हूं......👏✍️

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दैनिक लेखन प्रतियोगिता 2024-07-22

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काव्य मंजरी

काव्य मंजरी

जब मेरे शब्द मन के भावों से सन कर काव्य रूप में कागज पर उतर जाएं तो काव्य मंजरी की रचना होती है।

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काव्य मंजरी

काव्य मंजरी

जब मेरे शब्द मन के भावों से सन कर काव्य रूप में कागज पर उतर जाएं तो काव्य मंजरी की रचना होती है।

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राजस्थान सीमा गुप्ता अलवर की डायरी

राजस्थान सीमा गुप्ता अलवर की डायरी

नारी सीमांजलि; नारी के प्रत्येक पड़ाव को अपने शब्द देकर काव्य रूप में लिखती हूं।

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राजस्थान सीमा गुप्ता अलवर की डायरी

राजस्थान सीमा गुप्ता अलवर की डायरी

नारी सीमांजलि; नारी के प्रत्येक पड़ाव को अपने शब्द देकर काव्य रूप में लिखती हूं।

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सावन पावन मास

सावन पावन मास

भारत त्योहार का देश है ,अब चल रहा है श्रावण मास तो उसी पर लिखी मेरी रचना। सावन का महिना आया देखो, खुशहाली आई है चहुंओर हरियाली दिखाई है हर एक जीव में खुमारी छाई है, कि सावन का महिना आया है। कोयल कूक रही बाग में, पपीहा टेर लग

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सावन पावन मास

सावन पावन मास

भारत त्योहार का देश है ,अब चल रहा है श्रावण मास तो उसी पर लिखी मेरी रचना। सावन का महिना आया देखो, खुशहाली आई है चहुंओर हरियाली दिखाई है हर एक जीव में खुमारी छाई है, कि सावन का महिना आया है। कोयल कूक रही बाग में, पपीहा टेर लग

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कवितावलरी

कवितावलरी

अपनी सरल भाषा से सरल शब्दों से अपने मन के भावों को काव्य में लिख कर आप सभी के साथ अपनी पुस्तक "कवितावलरी" द्वारा साझा करना चाहती हूं ।

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कवितावलरी

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-प्रेम की ओर

-प्रेम की ओर

प्रेम,प्रीत या इश्क़ रूह से होता है तो दिव्यता को दर्शाता है,वह प्रेम तन का नहीं मन के भावों से जुड़ता है और हां,ऐसा जुड़ता है कि कभी खत्म ही नहीं होता । वासना की ओर नहीं वह उपासना से निभता है। तनिक देर का नहीं,अमर होता है।युग युग तक उसका जिक्र होत

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-प्रेम की ओर

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प्रेम,प्रीत या इश्क़ रूह से होता है तो दिव्यता को दर्शाता है,वह प्रेम तन का नहीं मन के भावों से जुड़ता है और हां,ऐसा जुड़ता है कि कभी खत्म ही नहीं होता । वासना की ओर नहीं वह उपासना से निभता है। तनिक देर का नहीं,अमर होता है।युग युग तक उसका जिक्र होत

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कवितांजलि

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जब मेरे शब्द मन के भावों से सन कर काव्य रूप में कागज पर उतर जाएं तो काव्य मंजरी की रचना होती है।

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कवितांजलि

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जब मेरे शब्द मन के भावों से सन कर काव्य रूप में कागज पर उतर जाएं तो काव्य मंजरी की रचना होती है।

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सर्दी आई

7 नवम्बर 2024
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      सर्दी आई गर्म दिन की हो रही विदाई ठंडे मौसम की ऋतु आई, गर्म लबादे कम्बल रजाई निकालो बाहर सब भाई। डंडी हवा और गुलाबी आभा सुबह सुबह से है टकराई, कहीं  दूर भी नजराने कोहरा पास यह पत्ती प

सावन में-- कवित्त मन मोरा

2 अगस्त 2024
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         - कवित्त मन मोरा उपवन बनाया कविता के, खिले खिले शब्द प्रसूनों से, सुगंध महकी भाव विचारों से, सींचा रस मधुर नीर से, खिले उठा वो आंगन उपवन भिन्न भिन्न वृक्षों से। कागज वो न्यारा लगा ध

सावन में-- कवित्त मन मोरा

2 अगस्त 2024
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         - कवित्त मन मोरा उपवन बनाया कविता के, खिले खिले शब्द प्रसूनों से, सुगंध महकी भाव विचारों से, सींचा रस मधुर नीर से, खिले उठा वो आंगन उपवन भिन्न भिन्न वृक्षों से। कागज वो न्यारा लगा ध

दोस्ती अनमोल रिश्ता

1 अगस्त 2024
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          -दोस्ती अनमोल रिश्ता जीवन में दोस्ती  का है एक ऐसा रिश्ता जिसमें बांट सकते अपनी वास्तविकता, नहीं है यहां नियम, बंधन बस है स्वतंत्रता, आड़े ना आए उसमें मानसिक या भौतिकता,  दोस्ती

सावन का महिना

23 जुलाई 2024
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             सावन का महिना आया देखो, खुशहाली आई है चहुंओर हरियाली दिखाई है हर एक जीव में खुमारी छाई है, कि सावन का महिना आया है। कोयल कूक रही बाग में, पपीहा टेर लगाएं शाम में, मोर नाच रहा ह

सावन का महिना

23 जुलाई 2024
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             सावन का महिना आया देखो, खुशहाली आई है चहुंओर हरियाली दिखाई है हर एक जीव में खुमारी छाई है, कि सावन का महिना आया है। कोयल कूक रही बाग में, पपीहा टेर लगाएं शाम में, मोर नाच रहा ह

सत्य को समझें नही!!

5 अप्रैल 2024
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         -सत्य को समझें नही सत्य की राह से भटक रहा है, सत्य की खोज को मुकर रहा है। चकाचौंध में भेंड़चाल चल रहा है, जीवन क्या है!नहीं समझ रहा है। रिश्तों को भी नोटों से गिन रहा है, अपनों को पराया

महाशिवरात्रि

8 मार्च 2024
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महाशिवरात्रि आया,आया है महाशिवरात्रि, चलो, सब मिल महाभिषेक कर आएं, फाल्गुन माह,कृष्ण पक्ष,तिथि चतुर्दशी, का महाशिवरात्रि मनाएं। आक ,धतूरा,चन्दन,रोली,मौली,अबीर,तिल और अक्षत से थाली सजाएं, कच्च

नारी तुम हो महान

7 मार्च 2024
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              -नारी तुम हो महान नारी तुम तो हो महान, नारी तुम सकल गुणों की खान। धर्म, कर्म, नेह, प्यार , त्याग, धार सहनशीलता और अनुराग। मायके या खुद का ससुराल, दोनों घर की रखती तुम लाज। अपनी

शिक्षकों को प्रणाम

2 सितम्बर 2023
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  - शिक्षकों को प्रणाम  तराशते शिद्दत से शिक्षक   आम से बना देता है खास   जिससे जीवन में छाएं उल्लास।  दीपक जैसै जलता शिक्षक फैला देते चहुं ओर  प्रकाश मेरे जीवन के शिक्षकों को है प्रणाम।  है

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