कविता संग्रह
0.0(0)
2 फ़ॉलोअर्स
2 किताबें
<div align="left"><p dir="ltr">आज हुई है भोर प्रखर,<br> हे पथिक, छोड़ ये बातें अपर,<br> भीषण होगा अब
<div align="left"><p dir="ltr">दूर क्षितिज पर उड़ते बादल,<br> धूमिल, श्यामिल वर्णित बादल,<br> एक छोर
<div align="left"><p dir="ltr">एक समय था विश्व में,<br> जब भारत का गुणगान था,<br> श्रेष्ठतम सभ्यताओं