संतुलनहर तरफ़ अफ़रा -तफ़री का माहौल था ,अचानक उठे तूफ़ान की थपेड़ों में जहाज़ हिचकोले खा रहा था । पूरा वातावरण बेचैनी और खौफ़ में सिमट गया था । तभी जहाज़ के कप्तान ने आकर कहा – यह बहुत मुश्किल का समय है , मगर धैर्य से स्थिति को नियंत्रण में किया जा सकता है । आप सब घबराएँ नहीं ,मैं जहाज़ को किनारे तक ले जाने