*तहम्मुल*रख तहम्मुल इक दिन जरूर मुलाकात होगी,तब बैठकर बाँट लेंगे हर गम आधा आधा। ©प्रदीप त्रिपाठी "दीप" ग्वालियर(म.प्र.) 🇮🇳
जल्दी-जल्दी चढ़ने वाले जमीं पर धड़ाम से गिरते हैं।। एक-एक पायदान चढ़ने वाले पूरी सीढ़ी चढ़ जाते हैं।। जल्दीबाजी में शादी करने वाला फुर्सत में पछताता है।। छटाँक भर धैर्य सेर भर सूझ-बूझ के बराबर ह
धैर्य की परीक्षा संत एकनाथ को अपने उत्तराधिकारी की तलाश थी वे किसी योग्य शिष्य को यह दायित्व सौंपना चाहते थे। उन्होने शिष्यों की परीक्षा लेनी चाही ।एक दिन उन्होंने सभी शिष्यों को बुलाया ओर एक दीवार बनाने का निर्देश दिया ।शिष्य इस काम में जुट गए ।दीवार बन कर तैयार भी हो गई ।लेकिन तभी एकनाथ ने उसे तो
संतुलनहर तरफ़ अफ़रा -तफ़री का माहौल था ,अचानक उठे तूफ़ान की थपेड़ों में जहाज़ हिचकोले खा रहा था । पूरा वातावरण बेचैनी और खौफ़ में सिमट गया था । तभी जहाज़ के कप्तान ने आकर कहा – यह बहुत मुश्किल का समय है , मगर धैर्य से स्थिति को नियंत्रण में किया जा सकता है । आप सब घबराएँ नहीं ,मैं जहाज़ को किनारे तक ले जाने
धैर्य और अनुशासन से, अपना राष्ट्र बचाना है ....! देखा नहीं था हमने कभी ,आज़ादी के परवानों को ,जो कफ़न बाँध कर निकले थे …… शहीद हुए , पर, आने वाली नस्लों को वे आज़ाद हवा देकर वे गए । सोचो , हम सब में भी तो भगत सिंह , राजगुरु, सुखदेव है खड़ा ,आज देश पर ही नहीं, मानवता पर सं
अभी कल की ही बात है, मैं गाड़ी पार्क करके निकला ही था बाहर कि एक महिला तुरंत मेरे पास आयी और अंग्रेजी में कुछ फुसफुसाई। मैं सकपका गया, शुरू के 5 -7 क्षण तो मैं समझ ही नहीं पाया कि इन्हे समस्या क्या है। फिर पता चला कि वो यहाँ मुझसे पहले गाड़ी खड़ी करने वाली थी और मैंने उसकी जगह अपनी गाड़ी लगा दी। अंग्रेज