पिता,,,,
मंज़िल दूर औऱ सफर बहुत है,छोटी सी ज़िन्दगी मैं फिकर बहुत है ,मार डालती ये दुनियां कब की हमें,लेकिन पापा के प्यार में असर बहुत है। चाहे कितने अलार्म लगा लो,सुबह उठने के लिएएक पापा की आवाज़ बहुत है।उस वक्त एक बाप की तमन्ना पूरी हो जाती है ,जब बेटी ससुराल से मायके हस्ते हुए आती है,ज़िन्दगी में दो