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कलंकित

आशुतोष मिश्रा (अनभिज्ञ)

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प्रस्तुत कहानी हमारी आधुनिकता से सम्बंधित है। जहाँ तक नारियों को स्वतंत्रता दी गई है वो तो बहुत अच्छी बात है पर आधुनिकता की वजह से कभी कभी कुछ ऐसे कृत हो जाते हैं की समाज में उन्हें घिर्णित नजरों से देखा जाता है और समाज उनका परीत्याग कर देता है। साथ ही साथ वे अपने माता पिता परिवार जनों के लिए भी कष्टकारी सिद्ध होती हैं। शुरुआत में वे अपने आधुनिकता और स्वतंत्रता के लिए चिंतित होती हैं पर वह कुछ ऐसे कदम उठा लेती है जो उनके भविष्य को अंधकार की ओर ले जाते हैं। उसी पर आधारित है ये उपन्यास "कलंकित " यह सत्यता के दिखती हुई रीमा की कहानी है .  

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