यह लघु कहानियों से प्रेरित कथाओं में आधारित बोध कथाएँ है जो बचपन मे नानी दादी सुनाती थी पर समय के साथ विलुप्त हो गयी । इन कहानियों यह कथाओं न ही आस्था को जगाया और ईस्वर और मनुष्य के बीच के सम्पर्क के राज उजागर किये की वह सिर्फ भाव का भूखा है । वही सर्वतम प्रसाद है जो आप उसको अर्पित कर सकते है वही उसको पसन्द है और भाव ही है तो प्रेम की प्रथम सीढ़ी है और प्रेम मुक्ति की । जय श्रीकृष्ण
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